पोप लियो XIV का कैस्टेल गांदोल्फो आगमन: परंपरा की वापसी और नया संदेश

पोप लियो XIV का जुलाई 6 को इटली के ऐतिहासिक पहाड़ी नगर कैस्टेल गांदोल्फो पहुंचना कैथोलिक चर्च की एक पुरानी परंपरा की वापसी का प्रतीक बन गया है। यह वही स्थान है जिसे कभी “दूसरा वेटिकन सिटी” कहा जाता था और जहां सदीयों से पोप अपनी गर्मियों की छुट्टियां बिताते रहे हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: कैस्टेल गांदोल्फो और पोपों की परंपरा
कैस्टेल गांदोल्फो रोम से लगभग 25 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित 135 एकड़ में फैला पोप का निजी एस्टेट है, जिसमें भव्य उद्यान, एक सक्रिय फार्म, ऐतिहासिक वेधशाला और विला शामिल हैं। इस स्थान का उपयोग सबसे पहले 1628 में पोप अर्बन VIII द्वारा ग्रीष्मकालीन विश्रामस्थल के रूप में किया गया था।
पोप पायस XII से लेकर पोप बेनेडिक्ट XVI तक कई पोप यहां गर्मी की छुट्टियां बिताते रहे हैं। पोप फ्रांसिस ने इस परंपरा को 2013 में छोड़ दिया और इसके बजाय वेटिकन में ही रहने का विकल्प चुना, साथ ही 2016 में कैस्टेल गांदोल्फो को संग्रहालय में परिवर्तित कर जनता के लिए खोल दिया।
पोप लियो XIV की वापसी का महत्व
पोप लियो XIV का यह निर्णय न केवल एक प्रतीकात्मक वापसी है, बल्कि यह चर्च के भीतर परंपरा और नवाचार के बीच संतुलन का संकेत भी देता है। जहां पोप फ्रांसिस ने सादगी और विकेंद्रीकरण पर बल दिया, वहीं पोप लियो XIV चर्च की ऐतिहासिक विरासत को पुनर्स्थापित करते हुए आधुनिक युग की आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य कर रहे हैं।
पोप लियो 6 जुलाई से 20 जुलाई तक विला बारबेरीनी में रहेंगे और इस दौरान दो बार (13 और 20 जुलाई को) स्थानीय चर्चों में मिस्सा करेंगे। साथ ही, वह चर्च के ऐतिहासिक अंगेलुस संदेश को पीअज्जा डेला लिबर्टा से जनता के सामने प्रस्तुत करेंगे — एक दृश्य जो 12 वर्षों बाद फिर से जीवित होगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- कैस्टेल गांदोल्फो को 17वीं सदी से पोपों का ग्रीष्मकालीन निवास स्थान माना गया है।
- पोप फ्रांसिस ने 2016 में यहां का पोप पैलेस जनता के लिए संग्रहालय के रूप में खोल दिया था।
- विला बारबेरीनी में पोप लियो का निवास होगा, जबकि जनता के लिए बाग़ और पैलेस खुले रहेंगे।
- 2023 में इस स्थान पर 2 लाख से अधिक पर्यटक आए, जिससे स्थानीय पर्यटन को बल मिला।
जनता और नगर की प्रतिक्रिया
कैस्टेल गांदोल्फो के स्थानीय निवासी पोप की वापसी को भावनात्मक रूप से देख रहे हैं। नगर के मेयर अल्बेर्टो डी एंजेलिस ने कहा, “हम चाहते हैं कि पोप की उपस्थिति फिर से हमारी दिनचर्या का हिस्सा बने, जैसे पहले हुआ करता था।”
पोप का यह निर्णय नगर के पर्यटन को भी एक नई दिशा देगा। सार्वजनिक प्रार्थनाएं, शांत वातावरण में पोप से संपर्क, और परंपरा से जुड़ाव — ये सभी कारक न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी शहर को सशक्त बनाते हैं।
पोप लियो XIV का यह कदम कैथोलिक चर्च के लिए एक संतुलन की ओर इशारा करता है — जहां परंपरा का सम्मान और आधुनिक दृष्टिकोण दोनों साथ चलते हैं। यह यात्रा चर्च के इतिहास को संजोते हुए वर्तमान आवश्यकताओं के साथ आगे बढ़ने का एक सुंदर उदाहरण है।