पगड़ी संभाल जट्टा आन्दोलन क्या है? मौजूदा किसान आन्दोलन इससे किस प्रकार जुड़ा हुआ है?

पगड़ी संभाल जट्टा आन्दोलन क्या है? मौजूदा किसान आन्दोलन इससे किस प्रकार जुड़ा हुआ है?

हाल ही में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान विरोध प्रदर्शन 1907 के कृषक विरोध के समान है। उस समय किसानों ने तीन ब्रिटिश कानूनों – पंजाब भूमि उपनिवेशीकरण अधिनियम, दोआब बारी अधिनियम और पंजाब भूमि अलगाव अधिनियम का विरोध किया था।

पृष्ठभूमि

1879 में, ब्रिटिश सरकार ने चेनाब नदी से लायलपुर (अब फैसलाबाद, पाकिस्तान) के लिए पानी लाने के लिए एक नहर का निर्माण किया था। इस नहर को ऊपरी बारी दोआब नहर कहा जाता था। यह कार्य एक निर्जन क्षेत्र में बस्तियों को बसाने के लिए किया गया था। साथ ही, अंग्रेजों ने कई सुविधाओं के साथ मुफ्त जमीन आवंटित करने का वादा किया। इसमें अमृतसर, जालंधर और होशियारपुर के पूर्व सैनिक भी शामिल थे। इसलिए, इन जिलों के किसानों ने अपनी जमीन और संपत्ति को पीछे छोड़ दिया और बंजर भूमि को खेती के लायक बनाने के लिए नए क्षेत्रों में बस गए। मेहनती किसानों ने जल्दी से भूमि को उपजाऊ बना दिया। ब्रिटिश सरकार ने तीन कानून बनाए जो अंततः अंग्रेजों को भूमि का मालिक घोषित करते थे और किसानों के मालिकाना हक से वंचित करते थे। इन कानूनों ने किसानों को हिस्सेदारी में कमी की। वे न तो घर बना सकते थे और न ही इन जमीनों पर पेड़ गिरा सकते थे। इन कानूनों ने यह भी प्रावधान था कि अगर वयस्क होने से पहले यदि बड़े बेटे की मृत्यु जाये, तो भूमि सरकार की संपत्ति बन जाएगी और छोटे बेटे को नही मिलेगी। इसके चलते पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन हुआ।

पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन

1907 में, भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह संधू ने इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन किया। इसे बाद में पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन कहा गया। पगड़ी संभाल जट्टा बांके दयाल द्वारा रचित एक गीत था। यह गीत जल्द ही आंदोलन का गान बन गया था।

परिणाम

धीरे-धीरे पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन किसानों से सेना में फैलने लगा। और इस प्रकार, ब्रिटिश सरकार ने अपने कानूनों को वापस ले लिया। इसने किसानों को भूमि का स्वामित्व भी लौटा दिया था।

Originally written on December 9, 2020 and last modified on December 9, 2020.

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