नया युग: परमाणु घड़ियों की ऐतिहासिक तुलना से ‘सेकंड’ की परिभाषा बदलने का रास्ता साफ

विश्व के वैज्ञानिकों ने इतिहास की सबसे बड़ी और सबसे जटिल ‘घड़ी बनाम घड़ी’ तुलना पूरी कर ली है, जो अब तक की सबसे सटीक समय माप प्रणाली — ऑप्टिकल एटोमिक क्लॉक्स — को अंतरराष्ट्रीय मानक के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम है। यह प्रयास 2030 तक “सेकंड” की नई परिभाषा के लिए वैज्ञानिक आधार तैयार कर रहा है।

वर्तमान में कैसे मापा जाता है एक सेकंड?

वर्तमान समय माप प्रणाली 1967 से सीज़ियम-133 (Cs) एटोमिक क्लॉक पर आधारित है, जिसकी परिभाषा है:

“एक सेकंड वह समय है जिसमें सीज़ियम-133 परमाणु की दो ऊर्जा स्थितियों के बीच संक्रमण के दौरान 9,192,631,770 बार विकिरण की एक निश्चित आवृत्ति उत्पन्न होती है।”

भारत में यह मानक नई दिल्ली स्थित नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी में पांच सीज़ियम क्लॉकों द्वारा बनाए रखा जाता है।

क्यों जरूरी है ऑप्टिकल एटोमिक क्लॉक्स?

सीज़ियम क्लॉक्स माइक्रोवेव पर आधारित होते हैं, जबकि ऑप्टिकल क्लॉक्स दृश्यमान प्रकाश तरंगों का उपयोग करते हैं, जो 10,000 गुना तेज़ आवृत्तियाँ उत्पन्न करते हैं। इससे:

  • अधिक सटीकता (18 दशमलव स्थानों तक)
  • स्थिरता में वृद्धि
  • तकनीकी अनुप्रयोगों में बेहतर प्रदर्शन

उदाहरण: स्ट्रॉन्शियम-आधारित ऑप्टिकल क्लॉक 15 अरब वर्षों में केवल 1 सेकंड भटकेगी।

वैश्विक तुलना परीक्षण: क्या हुआ?

  • अवधि: 20 फरवरी से 6 अप्रैल, 2022 तक 45 दिन
  • स्थान: फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, यू.के., जापान
  • घड़ियाँ: 10 ऑप्टिकल क्लॉक, 5 प्रकार के परमाणु (Sr, Yb, Yb⁺, Sr⁺, In⁺)
  • तकनीक: फाइबर ऑप्टिक्स, GPS आधारित IPPP प्रणाली

38 अलग-अलग आवृत्ति अनुपातों की गणना की गई, जिनमें से 4 पहली बार सीधे मापे गए।

क्या निकला परिणाम?

  • अधिकांश क्लॉकों की तुलना में अंतर 10⁻¹⁶ से 10⁻¹⁸ के भीतर था — अत्यधिक सटीकता
  • जर्मनी और यू.के. के Sr क्लॉकों के बीच GPS तुलना में < 3 × 10⁻¹⁶ का अंतर
  • फ्रांस और जर्मनी के Sr क्लॉकों में 2 × 10⁻¹⁶ का स्थायी ऑफसेट पाया गया — जिसे सुधारने की आवश्यकता है
  • इटली के Yb क्लॉक के साथ GPS लिंक में तकनीकी गड़बड़ी पाई गई

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • SI सेकंड की परिभाषा 1967 में तय हुई थी
  • Quartz घड़ी की सटीकता: कुछ महीने में सेकंडों का अंतर
  • Cs एटोमिक क्लॉक की सटीकता: 300 मिलियन वर्षों में 1 सेकंड
  • ऑप्टिकल क्लॉक (Strontium): 15 अरब वर्षों में 1 सेकंड

क्यों जरूरी है यह बदलाव?

  • GPS, रेडियो खगोल विज्ञान, जलवायु परिवर्तन निगरानी, और वित्तीय लेन-देन जैसी प्रणालियाँ अब अत्यंत उच्च समय-सटीकता की मांग करती हैं।
  • नई परिभाषा वैश्विक समय मानकों को और सुदृढ़ बनाएगी।

निष्कर्ष

इस ऐतिहासिक परीक्षण ने सिद्ध कर दिया कि अलग-अलग देशों और तकनीकों से जुड़ी 10 घड़ियाँ आपस में असाधारण रूप से सहमत हो सकती हैं। यह सफलता सेकंड की नई SI परिभाषा के मार्ग को लगभग स्पष्ट कर चुकी है। अब जब यह नया युग शुरू होने वाला है, तो समय केवल एक गणना नहीं, बल्कि विज्ञान की सबसे बारीक समझ का प्रतीक बन चुका है।

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