दिल्ली में पुराने वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध: पर्यावरण सुरक्षा बनाम व्यवहारिक चुनौतियाँ

दिल्ली में 1 जुलाई 2025 से पुराने पेट्रोल और डीज़ल वाहनों को ईंधन नहीं दिए जाने की नीति लागू हो गई है, जिससे राजधानी में वाहनों से उत्पन्न प्रदूषण पर लगाम लगाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने इस नीति के अमल में कई तकनीकी और अवसंरचनात्मक चुनौतियों का हवाला देते हुए इसे स्थगित करने की सिफारिश की है।

क्या है दिल्ली का ‘फ्यूल बैन’?

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में लागू इस नीति के तहत 10 साल से पुराने डीज़ल वाहन और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को अब ईंधन नहीं मिलेगा। यह कदम “एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल्स” (ELVs) को सड़कों से हटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। CAQM (Commission for Air Quality Management) ने NCR के विभिन्न क्षेत्रों में इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली के 498 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रेकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं, जो वाहन के नंबर को पढ़कर राष्ट्रीय वाहन डेटाबेस ‘वाहन’ से उसकी जानकारी मिलाते हैं। अगर वाहन ELV की श्रेणी में आता है, तो पंप पर ऑडियो अलर्ट बजता है और वाहन को ईंधन देने से मना कर दिया जाता है।

क्या हैं इस नीति में समस्याएँ?

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने CAQM को पत्र लिखकर इस नीति को स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने तकनीकी खामियों जैसे ANPR कैमरे का सही ढंग से काम न करना, सेंसर और स्पीकर की खराबी, और हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) से जुड़े डाटा की अपूर्णता का हवाला दिया है।
इसके अतिरिक्त, NCR राज्यों के डेटा से अपर्याप्त समन्वय के कारण वाहन मालिक दिल्ली से सटे जिलों में जाकर आसानी से ईंधन भरवा सकते हैं, जिससे नीति की प्रभावशीलता कम हो जाती है।

पुराने वाहनों से क्या है प्रदूषण की समस्या?

प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, BS-IV वाहनों की तुलना में BS-VI वाहनों से 4.5 से 5.5 गुना कम प्रदूषक उत्सर्जन होता है। NCR क्षेत्र में परिवहन क्षेत्र 28% PM2.5, 41% SO2 और 78% NOx उत्सर्जन का कारण बनता है। इसलिए पुराने वाहनों को हटाना वायु गुणवत्ता सुधार के लिए आवश्यक कदम माना जा रहा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 10 साल पुराने डीज़ल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर दिल्ली में प्रतिबंध का आदेश दिया था।
  • इस आदेश की पुष्टि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में की थी और उल्लंघन पर वाहन ज़ब्त करने का निर्देश दिया था।
  • ‘वाहन’ डेटाबेस के अनुसार, दिल्ली में 62 लाख ELVs मौजूद हैं, जिनमें 41 लाख दोपहिया और 18 लाख चारपहिया वाहन हैं।
  • BS-VI उत्सर्जन मानक भारत में 1 अप्रैल 2020 से लागू हुए हैं।

यह स्पष्ट है कि पुराने वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध एक आवश्यक लेकिन जटिल नीति है, जो पर्यावरणीय हितों और व्यवहारिक चुनौतियों के बीच संतुलन की मांग करती है। जब तक तकनीकी और अवसंरचनात्मक आधार मजबूत नहीं किए जाते, तब तक इस तरह की नीतियों की पूर्ण सफलता सुनिश्चित कर पाना कठिन होगा। फिर भी, यह कदम एक सकारात्मक शुरुआत है, जो दीर्घकालिक पर्यावरणीय लक्ष्यों की दिशा में एक निर्णायक पहल साबित हो सकती है।

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