ट्रंप के नए टैरिफ से प्रभावित 14 देश: वजह, असर और आगे की राह

7 जुलाई 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 14 देशों पर नए आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा की, जो 1 अगस्त से लागू होंगे। इन टैरिफों का मकसद अमेरिकी व्यापार घाटे को सुधारना और अमेरिका के पक्ष में व्यापारिक संतुलन स्थापित करना है। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर इन देशों को भेजे गए पत्र साझा किए, जिनमें चेतावनी और बातचीत दोनों के संकेत मौजूद हैं।
किन देशों पर लगाए गए हैं टैरिफ?
देश | वर्तमान टैरिफ (%) | नया टैरिफ (%) |
---|---|---|
म्यांमार | 40 | 44 |
लाओस | 40 | 48 |
कंबोडिया | 36 | 49 |
थाईलैंड | 36 | 36 |
बांग्लादेश | 35 | 37 |
सर्बिया | 35 | 37 |
इंडोनेशिया | 32 | 32 |
दक्षिण अफ्रीका | 30 | 30 |
बोस्निया एंड हर्जेगोविना | 30 | 35 |
कजाखस्तान | 25 | 27 |
ट्यूनिशिया | 25 | 28 |
मलेशिया | 25 | 24 |
जापान | 25 | 24 |
दक्षिण कोरिया | 25 | 25 |
सबसे अधिक टैरिफ म्यांमार, लाओस और कंबोडिया पर लगाए गए हैं — 40% से अधिक। जापान और दक्षिण कोरिया जैसे अमेरिका के रणनीतिक साझेदार भी 25% शुल्क की चपेट में आए हैं।
यह टैरिफ क्यों लगाए गए?
- व्यापार घाटा: अमेरिका इन देशों से अधिक आयात करता है और अपेक्षाकृत कम निर्यात। इस असंतुलन को ट्रंप “अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अनुचित” मानते हैं।
- 90 दिन की डेडलाइन: ट्रंप ने पहले इन देशों को 90 दिनों का समय दिया था कि वे अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करें। अधिकांश देशों ने संतोषजनक प्रगति नहीं की, जिससे टैरिफ लगाए गए।
- चीन और ASEAN का प्रभाव: लाओस, मलेशिया, इंडोनेशिया, कंबोडिया, म्यांमार और थाईलैंड ASEAN के सदस्य हैं, जिनका चीन से घनिष्ठ संबंध है। ट्रंप चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए इन देशों पर दबाव बना रहे हैं।
संभावित असर
- निर्यातक देशों पर दबाव: बांग्लादेश जैसे देश, जिनकी अर्थव्यवस्था निर्यात-आधारित है, को भारी नुकसान हो सकता है।
- अमेरिकी उपभोक्ताओं पर असर: टैरिफ से वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को अधिक भुगतान करना पड़ेगा या वे कम खरीददारी करेंगे।
- द्विपक्षीय बातचीत में तेजी: ये टैरिफ अन्य देशों को अमेरिका के साथ तेजी से समझौते करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- टैरिफ एक प्रकार का सीमा शुल्क है जो आयातित वस्तुओं पर लगाया जाता है।
- ASEAN (Association of Southeast Asian Nations) में 10 सदस्य देश हैं, जिनमें से 6 इस सूची में शामिल हैं।
- ट्रंप प्रशासन पहले भी “सेक्शन 232 टैरिफ” के तहत स्टील, एल्यूमीनियम और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों पर शुल्क लगा चुका है।
- अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लगाए गए टैरिफ की संवैधानिक वैधता को लेकर देश में कानूनी चुनौतियाँ जारी हैं।
टैरिफ की यह नई श्रृंखला वैश्विक व्यापार और कूटनीति पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। यह भारत जैसे अन्य देशों के लिए भी संकेत है कि अमेरिका अब व्यापारिक संतुलन को लेकर अधिक आक्रामक रुख अपनाने जा रहा है। आने वाले सप्ताहों में इन देशों की प्रतिक्रिया और बातचीत की दिशा वैश्विक व्यापारिक परिदृश्य को तय करेगी।