जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में भारत ने हासिल किया 10वां स्थान

जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में भारत ने हासिल किया 10वां स्थान

हाल ही में भारत ने जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) जारी किया गया, भारत ने इस सूचकांक में 10वां स्थान प्राप्त किया है। 2019 में भारत इस सूचकांक में 9वें स्थान पर था।

मुख्य बिंदु

भारत ने CCPI की सभी श्रेणियों में उच्च रेटिंग प्राप्त की है। अक्षय ऊर्जा श्रेणी में भारत का प्रदर्शन मध्यम है। सीसीपीआई को न्यू क्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क (CAN) के सहयोग से जारी किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को नवीकरणीय ऊर्जा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। इस रिपोर्ट के अनुसार, कोई भी देश 2015 के पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है।

जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI)

CCPI एक स्वतंत्र मोनिटरिंग टूल है। यह देशों के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन को ट्रैक करता है। यह सूचकांक 2005 से प्रकाशित किया जा रहा है। यह सूचकांक देशों की जलवायु नीति, ग्रीनहाउस गैस के वर्तमान उत्सर्जन स्तर, ऊर्जा के उपयोग इत्यादि की जानकारी प्रदान करता। यह सूचकांक चार श्रेणियों के तहत देशों का आकलन करता है – ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, ऊर्जा उपयोग, नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु नीति।

रैंकिंग

इस सूचकांक में 6 G20 देशों को बहुत कम प्रदर्शन करने देशों की सूची में शामिल किया गया है। अमेरिका 61 रैंक के साथ सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला देश है। भारत ने 100 में से 63.98 अंक प्राप्त किये हैं। 2019 में, भारत 66.02 के स्कोर के साथ नौवें स्थान पर था।

भारत में उत्सर्जन

भारत में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन दर काफी कम है। भारत और मैक्सिको, ब्राजील, इंडोनेशिया और जर्मनी सहित अन्य देशों को ‘ऊर्जा उपयोग’ श्रेणी में अपने प्रदर्शन के लिए ‘उच्च’ स्थान दिया गया है।

Originally written on December 8, 2020 and last modified on December 8, 2020.

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