जम्मू-कश्मीर में मत्स्य और डेयरी क्षेत्र का कायाकल्प: पीएमएमएसवाई और ब्लू रिवोल्यूशन की सफलता

जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में मत्स्य और पशुपालन क्षेत्रों को सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं — जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY), फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (FIDF) और ब्लू रिवोल्यूशन — ने ग्रामीण आजीविका, पोषण सुरक्षा और रोजगार सृजन में क्रांतिकारी भूमिका निभाई है। यह बात केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने SKUAST-कश्मीर के शालीमार कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में कही।
दूध और मछली उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में दूध उत्पादन 2014-15 में 19.50 लाख टन से बढ़कर 2023-24 में 28.74 लाख टन हो गया है, जो 47% की वृद्धि दर्शाता है। वर्तमान में प्रदेश में प्रतिव्यक्ति दूध उपलब्धता 413 ग्राम प्रतिदिन है।
मत्स्य उत्पादन में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है:
- कुल मछली उत्पादन: 2013–14 में 20,000 मीट्रिक टन से बढ़कर 2024–25 में 29,000 मीट्रिक टन
- ट्राउट उत्पादन: 262 मीट्रिक टन से बढ़कर 2,380 मीट्रिक टन — 800% से अधिक वृद्धि
- ट्राउट सीड उत्पादन: 9 मिलियन से बढ़कर 15.2 मिलियन
- कार्प सीड उत्पादन: 40 मिलियन से बढ़कर 63.5 मिलियन
उच्च गुणवत्ता वाले सीड और निजी निवेश
भारत सरकार ने डेनमार्क से 13.4 लाख जेनेटिकली इंप्रूव्ड ट्राउट अंडों का आयात कराकर उच्च गुणवत्ता वाले सीड की उपलब्धता सुनिश्चित की है। इसके अलावा, FIDF के माध्यम से ₹120 करोड़ का निजी निवेश भी कोल्ड-वाटर फिशरीज क्षेत्र में आकर्षित हुआ है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- PMMSY के तहत हिमालयी और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए ₹852 करोड़ आवंटित, जिसमें से ₹300 करोड़ जम्मू-कश्मीर के लिए
- FIDF और ब्लू रिवोल्यूशन के माध्यम से आधारभूत ढांचे और सीड उत्पादन में प्रगति
- अनंतनाग को कोल्ड-वॉटर फिशरीज क्लस्टर घोषित किया गया, जिसमें कुलगाम और शोपियां पार्टनर जिले होंगे
- जम्मू में 50,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला UHT मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट का उद्घाटन
ग्रामीण समृद्धि के लिए केंद्र और राज्य का समन्वय
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार को मिलकर ऐसे प्रयास करने चाहिए जिससे स्थायी आजीविका, कृषि आधारित उद्योगों में युवाओं की भागीदारी, और ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिले। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB) के सहयोग से किसानों को बाजार से जोड़ने और अवसंरचना मजबूत करने की योजना बनाई जा रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि ₹100 करोड़ की लागत से एक इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव PMMSY फेज-II के तहत विचाराधीन है, जो कोल्ड-वॉटर मत्स्य पालन का एक मॉडल बनेगा।
श्री राजीव रंजन सिंह का यह दौरा जम्मू-कश्मीर में मत्स्य और डेयरी क्षेत्रों की असीम संभावनाओं को पहचानने और उन्हें जमीनी स्तर तक सशक्त बनाने की दिशा में केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह पहल आत्मनिर्भर भारत और समृद्ध ग्रामीण भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित हो सकती है।