जनरेटिव AI बनाम कॉपीराइट: लेखकों की आय, रचनात्मकता और कानूनी लड़ाई पर बड़ा सवाल

जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे ChatGPT और Gemini पर यह सवाल लंबे समय से उठ रहा है कि क्या ये मॉडल चोरी की गई रचनात्मक सामग्री पर आधारित हैं। हाल ही में अमेरिका की दो अदालतों में आए फैसलों ने इस विवाद को नया मोड़ दिया है — हालांकि दोनों मामलों में निर्णय अलग-अलग तर्कों पर आधारित रहे, परंतु यह पहली बार है जब अदालतों ने इस जटिल प्रश्न का न्यायिक मूल्यांकन किया है।

एआई मॉडल्स की ट्रेनिंग: क्या यह “न्यायसंगत उपयोग” है?

AI मॉडल्स विशाल डेटा पर प्रशिक्षित होते हैं, जिसमें किताबें, लेख, चित्र, ध्वनियाँ और इंटरनेट पर उपलब्ध अन्य सामग्री शामिल होती है। लेखकों और प्रकाशकों का आरोप है कि टेक कंपनियों ने उनके कॉपीराइटेड कार्यों को बिना अनुमति और मुआवज़े के उपयोग किया है, जो कि “चोरी” है। वहीं टेक कंपनियाँ इसे “न्यायसंगत उपयोग” (fair use) के दायरे में मानती हैं, जो सार्वजनिक हित में सीमित उपयोग की अनुमति देता है।

केस 1: लेखक बनाम एंथ्रोपिक

तीन पत्रकार-लेखकों ने AI कंपनी Anthropic के खिलाफ मामला दायर किया, जिसमें आरोप था कि कंपनी ने Books3 नामक शैडो लाइब्रेरी से उनकी पुस्तकों की पायरेटेड कॉपियाँ डाउनलोड कर अपनी मॉडल्स को प्रशिक्षित किया। न्यायाधीश विलियम एल्सप ने 23 जून को अपने फैसले में कहा कि AI मॉडल्स का उपयोग “परिवर्तनकारी” (transformative) है, और यह न्यायसंगत उपयोग के अंतर्गत आता है।
हालांकि, अदालत ने यह भी माना कि पायरेटेड किताबों को डाउनलोड करना कॉपीराइट उल्लंघन है, और दिसंबर में यह तय किया जाएगा कि एंथ्रोपिक को कितनी क्षतिपूर्ति करनी होगी।

केस 2: लेखक बनाम मेटा

इस मामले में लेखकों ने Meta पर आरोप लगाया कि इसके LLaMA मॉडल्स ने उनकी किताबों की सामग्री कॉपी की। Meta ने कहा कि उन्होंने अपने मॉडल्स को “पोस्ट-ट्रेनिंग” से इस तरह प्रशिक्षित किया कि वे प्रशिक्षण डेटा से शब्दशः सामग्री पुन: प्रस्तुत न कर सकें। न्यायाधीश विंस छाबरिया ने माना कि लेखक यह साबित नहीं कर पाए कि AI आउटपुट ने उनके बाजार को नुकसान पहुँचाया है, और इसीलिए उन्होंने Meta के पक्ष में निर्णय दिया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि टेक कंपनियों को कॉपीराइट धारकों को मुआवज़ा देने का रास्ता निकालना चाहिए।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • अमेरिका में कम से कम 21 कॉपीराइट मुकदमे AI प्रशिक्षण को लेकर चल रहे हैं।
  • AI मॉडल्स को प्रशिक्षित करने में Books3, Anna’s Archive, और Libgen जैसी शैडो लाइब्रेरीज़ का प्रयोग किया गया है।
  • OpenAI और Microsoft के खिलाफ 12 कॉपीराइट मुकदमे एक साथ जोड़े गए हैं, जिसमें The New York Times भी शामिल है।
  • ANI, The Indian Express, Hindustan Times और NDTV जैसे भारतीय मीडिया समूह भी AI मॉडल्स के खिलाफ कानूनी कार्यवाही में शामिल हो चुके हैं।

AI और कॉपीराइट के इन मामलों से यह स्पष्ट है कि तकनीकी नवाचार और रचनात्मक अधिकारों के बीच संतुलन कायम करना आज की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन गया है। जब तक न्याय व्यवस्था, कानून निर्माता और तकनीकी कंपनियाँ मिलकर इस विषय में स्पष्ट और न्यायपूर्ण रास्ता नहीं निकालते, तब तक यह बहस रचनात्मकता, कलाकारों की आजीविका और डिजिटल पारदर्शिता पर असर डालती रहेगी।

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