चीन ने सभी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) लेनदेन को अवैध घोषित किया

सेंट्रल बैंक ऑफ चाइना ने 23 सितंबर, 2021 को सभी क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को अवैध घोषित कर दिया है।
मुख्य बिंदु
- बिटकॉइन सहित क्रिप्टोकरेंसी के वैश्विक मूल्यों में 2020-2021 के दौरान बड़े पैमाने पर उतार-चढ़ाव आया है।
- पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) के अनुसार, वर्चुअल मुद्रा से संबंधित व्यावसायिक गतिविधियाँ अवैध वित्तीय गतिविधियाँ हैं।
- कानून के अनुसार अपराधियों की “आपराधिक दायित्व के लिए जांच” की जाएगी।
- चीनी नोटिस ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सभी संबंधित वित्तीय गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जैसे कि वर्चुअल करेंसी डेरिवेटिव से जुड़े लेनदेन, टोकन बेचना, क्रिप्टो ट्रेडिंग इत्यादि।
प्रतिबंध क्यों लगाया गया?
पीपल्स बैंक ऑफ चाइना के अनुसार, बिटकॉइन और अन्य वर्चुअल मुद्राओं का व्यापार व्यापक हो गया है और आर्थिक व वित्तीय व्यवस्था को बाधित कर रहा है। इसने मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी, अवैध धन उगाहने, पिरामिड योजनाओं और अन्य अवैध और आपराधिक गतिविधियों को भी जन्म दिया है। ये व्यवधान लोगों की संपत्ति की सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डाल रहे थे। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, चीन ने सभी क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को अवैध घोषित कर दिया है।
चीन के लिए प्रतिबंध का महत्व
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध ने चीन के लिए अपनी डिजिटल मुद्रा पेश करने के द्वार खोल दिए हैं। चीन की अपनी डिजिटल मुद्रा पहले से ही पाइपलाइन में है। यह चीन की केंद्र सरकार को लेनदेन की निगरानी करने की अनुमति देगा।
पृष्ठभूमि
2019 से चीन में क्रिप्टो निर्माण और व्यापार पहले से ही अवैध है।
क्रिप्टोकरेंसी
यह एक डिजिटल परिसंपत्ति है जो विनिमय के एक माध्यम के रूप में काम करती है जहां कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में अलग-अलग सिक्के के स्वामित्व के रिकॉर्ड को बही में संग्रहीत किया जाता है। ये रिकॉर्ड एक मजबूत क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके संग्रहीत किए जाते हैं ताकि लेनदेन रिकॉर्ड को सुरक्षित किया जा सके।
पहली क्रिप्टोकरेंसी
बिटकॉइन (Bitcoin) 2009 में ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी की गयी पहली क्रिप्टोकरेंसी है। यह पहली विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी (decentralized cryptocurrency) है।