चीन ने विकसित किया दुनिया का सबसे हल्का ब्रेन कंट्रोल डिवाइस: अब मधुमक्खियों की उड़ान पर होगी सटीक नियंत्रण

चीनी शोधकर्ताओं ने मधुमक्खियों की गतिविधियों को सटीक रूप से नियंत्रित करने वाला दुनिया का सबसे हल्का ब्रेन कंट्रोल डिवाइस विकसित किया है। यह तकनीक बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर झाओ जिएलियांग की टीम द्वारा विकसित की गई है और इसे 11 जून को Chinese Journal of Mechanical Engineering में प्रकाशित किया गया।
तकनीक की विशेषताएँ
इस डिवाइस का वजन मात्र 74 मिलीग्राम है — जो एक मधुमक्खी द्वारा उठाए जा सकने वाले अमृत से भी हल्का है। यह डिवाइस मधुमक्खी की पीठ पर लगाया जाता है और तीन महीन सुइयों के माध्यम से उसके मस्तिष्क से जुड़ता है। इसमें विद्युत संकेत भेजकर मधुमक्खी को मोड़ने, आगे बढ़ाने या पीछे हटने के निर्देश दिए जाते हैं। परीक्षणों में 10 में से 9 बार मधुमक्खियों ने सटीक प्रतिक्रिया दी।
मधुमक्खियों की प्राकृतिक क्षमता का प्रयोग
कामगार मधुमक्खियाँ अपने शरीर के भार का 80% तक अमृत उठाकर लगभग 5 किलोमीटर तक उड़ान भर सकती हैं। शोधकर्ताओं ने इसी क्षमता का उपयोग करते हुए यह इनसेक्ट रोबोटिक सिस्टम तैयार किया है। इसके माध्यम से इनसेक्ट-बेस्ड रोबोट में बेहतरीन गतिशीलता, छलावरण और पर्यावरणीय अनुकूलन जैसी जैविक विशेषताओं को जोड़ा गया है।
संभावित उपयोग
- शहरी युद्ध और आतंकवाद विरोधी अभियानों में गुप्त निगरानी
- नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए
- आपदा राहत अभियानों में खोज और पहचान
तकनीकी उन्नति
इससे पहले का सबसे हल्का डिवाइस सिंगापुर का था और इसका वजन तीन गुना अधिक था। झाओ की टीम ने अल्ट्रा-थिन फ्लेक्सिबल फिल्म पर सर्किट प्रिंट कर इस डिवाइस को तैयार किया है। इसमें कई चिप्स हैं, जिनमें एक इन्फ्रारेड रिमोट कंट्रोल के लिए भी है, जिससे मधुमक्खी को और अधिक जटिल आदेश दिए जा सकते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- डिवाइस का वजन: 74 मिलीग्राम
- मधुमक्खी की अधिकतम अमृत वहन क्षमता: शरीर के 80% तक
- उड़ान क्षमता: लगभग 5 किलोमीटर
- इससे पहले सबसे हल्का डिवाइस: सिंगापुर, तीन गुना भारी
- वर्तमान डिवाइस: मधुमक्खी व कॉकरोच दोनों पर सफल प्रयोग
चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा
- फिलहाल डिवाइस को वायर्ड पावर की आवश्यकता है।
- वायरलेस बैटरी का वजन (600 मिलीग्राम) मधुमक्खी के लिए अत्यधिक है।
- कुछ कीटों ने एक जैसे संकेत पर अलग प्रतिक्रिया दी।
- शरीर के कुछ हिस्सों में (जैसे पैर और पेट) संकेतों की प्रतिक्रिया नहीं हुई।
शोधकर्ता अब सिग्नल सिस्टम को और सटीक बनाकर व्यवहार की पुनरावृत्तता बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। साथ ही, डिवाइस में नए सेंसर और कार्यात्मक मॉड्यूल जोड़ने की योजना है, जिससे मधुमक्खियों को अधिक जटिल मिशनों में बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सके।
यह तकनीक न केवल माइक्रो रोबोटिक्स में एक क्रांति ला सकती है, बल्कि भविष्य में निगरानी, खोज और बचाव अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।