चीन की ड्रोन ‘मॉथरशिप’ जिउ तियान: हवाई युद्ध की परिभाषा बदलने की तैयारी

चीन एक बार फिर रक्षा तकनीक की दुनिया में सनसनी मचाने जा रहा है। दुनिया की पहली ड्रोन ‘मॉथरशिप’ — जिउ तियान — को लॉन्च करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। यह अत्याधुनिक जलयान 100 तक AI-नियंत्रित कामिकाज़ेड्रोन एक साथ लॉन्च करने में सक्षम है। इसकी उड़ान सीमा 7,000 किलोमीटर तक है और इसमें ‘स्वार्म लॉन्च’ तकनीक का प्रयोग किया गया है, जिससे यह वैश्विक सुरक्षा समीकरणों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

क्या है ‘जिउ तियान’?

‘जिउ तियान’ (Jiu Tian) एक विशालकाय नौसैनिक प्लेटफॉर्म है जिसे विशेष रूप से ड्रोन हमलों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य है — एक साथ बड़ी संख्या में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित आत्मघाती ड्रोन को लॉन्च करना, जो लक्ष्य की ओर झुंड की तरह बढ़ते हैं और फिर उसे नष्ट करते हैं।

कामिकाज़े ड्रोन: एक नई युद्ध रणनीति

कामिकाज़े ड्रोन वे होते हैं जो लक्ष्य पर टकरा कर स्वयं को विस्फोट से समाप्त कर देते हैं। यह रणनीति पारंपरिक मिसाइलों से अलग है क्योंकि ये ड्रोन छोटे, तेजी से उड़ने वाले, और टोह लेने वाले उपकरण के रूप में भी काम करते हैं। इनका संचालन AI-एल्गोरिद्म द्वारा किया जाता है, जिससे यह किसी भी लड़ाई में स्वतः निर्णय ले सकते हैं।

रणनीतिक प्रभाव: ताइवान स्ट्रेट और उससे आगे

‘जिउ तियान’ का सबसे बड़ा प्रभाव ताइवान स्ट्रेट में देखा जा सकता है, जहां चीन पहले से ही ताइवान पर सैन्य दबाव बना रहा है। यह मॉथरशिप किसी भी आकस्मिक संघर्ष में ताइवान की रक्षा प्रणाली को पीछे धकेल सकती है। इसके अतिरिक्त, यह अमेरिका, जापान और अन्य सहयोगी देशों की Indo-Pacific रणनीति के लिए भी गंभीर चुनौती बन सकती है।

वैश्विक सुरक्षा पर प्रभाव

  • नौसैनिक संतुलन में बदलाव: यह तकनीक पारंपरिक युद्धपोतों और एयरक्राफ्ट कैरियर की उपयोगिता को चुनौती दे सकती है।
  • AI-आधारित हथियारों की दौड़: इससे वैश्विक स्तर पर स्वचालित और AI-नियंत्रित हथियारों की होड़ और तेज़ हो सकती है।
  • ड्रोन झुंड युद्ध (Drone Swarm Warfare): यह हवाई सुरक्षा प्रणालियों को अप्रभावी बना सकता है क्योंकि एक साथ आने वाले सैकड़ों ड्रोन को रोकना बेहद कठिन होता है।

‘जिउ तियान’ न केवल तकनीकी नवाचार का प्रतीक है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि युद्ध की प्रकृति तेजी से बदल रही है। जहां पहले युद्धपोत और लड़ाकू विमान शक्ति के प्रतीक थे, अब भविष्य ड्रोन मॉथरशिप और AI की ओर बढ़ रहा है। भारत समेत अन्य देशों के लिए यह एक संकेत है कि उन्हें अपनी सैन्य नीति और तकनीकी तैयारी को नए युग के अनुरूप ढालने की आवश्यकता है।

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