गोपीनाथ बोरदोलोई, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी

गोपीनाथ बोरदोलोई, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी

गोपीनाथ बोरदोलोई का जन्म 1890 में हुआ था। उन्होंने कलकत्ता के स्कॉटिश चर्च कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वह गांधीजी से प्रभावित थे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में कई अभियानों में भाग लिया। उन्होंने एक नेता के रूप में अपनी क्षमता प्रदर्शित की और कुछ को आयोजित किया। कांग्रेस पार्टी में महत्वपूर्ण पदो पर उन्होंने कार्य किया। 1946 में उन्हें भारत की विधानसभा के सदस्य के रूप में चुना गया। विभाजन के दौरान मुस्लिम लीग असम को अलग करना चाहती थी और हिंदू असम को मुस्लिम बहुल पूर्वी पाकिस्तान में शामिल करना चाहती थी। उन्होंने इसका विरोध किया और ब्रिटिश सरकार की मदद से विभाजन को रोक दिया। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने फिर से चीन के साथ असम को शामिल करने से रोक दिया। उस समय उन्हें सरदार वल्लभभाई पटेल का भारी समर्थन मिला। विभाजन के दौरान उन्होंने लाखों हिंदू शरणार्थियों को बचाया, जो सांप्रदायिक हिंसा के कारण पूर्वी पाकिस्तान से भाग गए थे। उन्होंने असम के पहले मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनका 1950 में निधन हो गया। उन्हें मरणोपरांत 1999 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया, जो भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार था।

Originally written on October 29, 2019 and last modified on October 29, 2019.

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