गेहूं और चावल के आरक्षित मूल्य में वृद्धि: सरकारी भंडार नीति का रणनीतिक कदम

भारत सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) में गेहूं और चावल को निजी व्यापारियों को बेचने के लिए उनके आरक्षित मूल्य (Reserve Price) में क्रमशः लगभग 11% और 3% की वृद्धि की है। यह अनाज भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना-घरेलू (OMSS-D) के तहत बेचा जाता है। इस योजना का उद्देश्य बाजार में आपूर्ति सुनिश्चित करना और खाद्य मुद्रास्फीति पर नियंत्रण पाना है। आरक्षित मूल्य वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर केंद्र सरकार का केंद्रीय भंडार से अनाज बेचा जाता है।

आरक्षित मूल्य में बदलाव

गेहूं: उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) ने 10 जुलाई 2025 को गेहूं का आरक्षित मूल्य 2,550 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया। यह मूल्य सभी फसल वर्षों के गेहूं के लिए लागू होगा और 30 जून 2026 तक प्रभावी रहेगा। पिछले वर्ष का आरक्षित मूल्य 2,300 रुपये प्रति क्विंटल था, अर्थात इसमें 10.86% की वृद्धि हुई है।
चावल: चावल का आरक्षित मूल्य खरीदार के प्रकार के अनुसार 2,320 से 3,090 रुपये प्रति क्विंटल के बीच निर्धारित किया गया है। 1 नवंबर से चावल जिसमें 25% टूटे हुए दाने हैं, का आरक्षित मूल्य 2,890 रुपये प्रति क्विंटल होगा, जो 3.21% की वृद्धि है। अन्य श्रेणियों जैसे राज्य सरकारों, एथेनॉल डिस्टिलरियों और प्राइवेट ई-नीलामी के लिए भी मूल्य वृद्धि की गई है।
अन्य मोटे अनाज: बाजरा – ₹2,775, रागी – ₹4,886, ज्वार – ₹3,749, मक्का – ₹2,400 प्रति क्विंटल पर बेचे जाएंगे।

मूल्य वृद्धि के पीछे के कारण

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से तालमेल: चावल के आरक्षित मूल्य में 3% की वृद्धि का कारण धान के MSP में हुई समान वृद्धि है। वहीं गेहूं के MSP में 6.59% की वृद्धि के मुकाबले आरक्षित मूल्य में अधिक (10.86%) वृद्धि की गई है, जिससे बाजार में प्रभावी आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
रिकॉर्ड उत्पादन और खरीद: 2024-25 में गेहूं का उत्पादन 117 मिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर रहा, जबकि सरकारी खरीद भी 30 मिलियन टन तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष के 26.5 मिलियन टन से अधिक है। इससे केंद्रीय भंडार में पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित हुआ है।
भंडारण की स्थिति: FCI के अनुसार, 1 जून 2025 तक केंद्र सरकार के पास 37.9 मिलियन टन चावल और 36.9 मिलियन टन गेहूं मौजूद था। इसके अतिरिक्त 32.2 मिलियन टन धान और 0.45 मिलियन टन मोटा अनाज भी भंडारण में है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • OMSS-D योजना के तहत FCI खुले बाजार में अनाज ई-नीलामी के ज़रिए बेचता है।
  • गेहूं का आरक्षित मूल्य 2,550 रुपये/क्विंटल कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11% अधिक है।
  • चावल का संशोधित आरक्षित मूल्य 1 नवंबर 2025 से लागू होगा।
  • केंद्र सरकार के भंडार में 1 जून 2025 तक 70 मिलियन टन से अधिक गेहूं-चावल मौजूद था।

आरक्षित मूल्यों में यह वृद्धि न केवल सरकारी खरीद और न्यूनतम समर्थन मूल्य के संतुलन के लिए आवश्यक है, बल्कि खुले बाजार में अनाज की उपलब्धता बनाए रखते हुए महंगाई को नियंत्रित करने का एक रणनीतिक प्रयास भी है। भरपूर भंडारण और अच्छी मानसूनी भविष्यवाणी के साथ, यह कदम खाद्य सुरक्षा और बाजार स्थिरता की दिशा में एक सशक्त नीति निर्णय के रूप में देखा जा सकता है।

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