खसरे के मामलों में वैश्विक उछाल: घटते टीकाकरण के चलते दशकों की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रगति खतरे में

Global Virus Network (GVN) से जुड़े दुनिया भर के वायरोलॉजिस्टों ने हाल ही में खसरे (Measles) के मामलों में तेज़ और चिंताजनक वृद्धि को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इसका मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर घटती टीकाकरण दर है, जो दशकों में अर्जित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपलब्धियों को खतरे में डाल रहा है।

अमेरिका में तीन दशक में सबसे अधिक मामले

  • वर्ष 2025 में अमेरिका में खसरे के अब तक 1,300 मामलों की पुष्टि 40 से अधिक राज्यों से हो चुकी है।
  • टेक्सास में 1990 के बाद की सबसे बड़ी खसरा महामारी सामने आई, जिसमें दो बच्चों की मौत हुई और सैकड़ों मामले दर्ज हुए।
  • न्यू मैक्सिको, ओहायो, कैलिफोर्निया जैसे राज्यों में भी संक्रमण के क्लस्टर पाए गए हैं।
  • सीडीसी के अनुसार, किंडरगार्टन स्तर पर टीकाकरण दर 93% से नीचे गिर गई है, जबकि हर्ड इम्युनिटी के लिए न्यूनतम 95% की दर आवश्यक होती है।

वैश्विक परिदृश्य

  • WHO और CDC के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में जहाँ केवल 10,000 मामले थे, वहीं 2023 में यह संख्या 10.3 मिलियन तक पहुंच गई — यानी 30 गुना वृद्धि।
  • अफ्रीका में लगभग आधे प्रमुख प्रकोप सामने आए, वहीं यूरोप के 53 में से 41 देशों में मामले दर्ज हुए।
  • अमेरिका में शुरुआती 2025 में खसरे के मामलों में 11 गुना वृद्धि हुई, जिनमें अधिकतर मामले यात्रा से संबंधित थे।

खसरे के गंभीर दुष्प्रभाव

  • बिना टीकाकरण के, प्रति 1,000 संक्रमित बच्चों में 1 से 3 की मृत्यु हो सकती है।
  • अन्य जटिलताएं: निमोनिया, डायरिया, मस्तिष्क सूजन (एन्सेफलाइटिस), बहरेपन तक की आशंका।
  • Subacute sclerosing panencephalitis नामक जानलेवा स्थिति सालों बाद भी उभर सकती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • खसरा दुनिया की सबसे संक्रामक बीमारियों में से एक है।
  • MMR वैक्सीन (Measles, Mumps, Rubella) से खसरे को पूरी तरह रोका जा सकता है।
  • अमेरिका में गैर-चिकित्सकीय टीका छूट दर 3.3% तक पहुँच गई है — यह एक रिकॉर्ड है।
  • खसरा प्रकोप अक्सर सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे और विश्वास की विफलता दर्शाता है।

वैज्ञानिकों की सिफारिशें

  • तत्काल टीकाकरण: बिना टीके वाले बच्चों और वयस्कों को सुरक्षित और प्रभावी MMR वैक्सीन दी जाए।
  • जागरूकता अभियान: खसरे के खतरों और टीकाकरण के महत्व पर व्यापक प्रचार।
  • बेहतर निगरानी प्रणाली: स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर मजबूत निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र।
  • कम पहुंच वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान: ग्रामीण, वंचित और झिझक वाले समुदायों में लक्षित अभियान।

निष्कर्ष

GVN ने चेताया है कि यदि नियमित टीकाकरण की उपेक्षा की गई, तो यह न केवल वर्तमान जीवन को खतरे में डालेगा, बल्कि भविष्य में महामारी की तैयारियों को भी कमजोर करेगा। यह खसरे की महामारी केवल एक बीमारी की चेतावनी नहीं, बल्कि टीका-रोकथाम योग्य रोगों के प्रति हमारी सामूहिक लापरवाही का संकेत है।

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