क्या PLFS में ग्रामीण रोजगार डेटा शामिल करने से भारत की श्रम शक्ति समझ में सुधार होगा?

भारत सरकार ने 2025 से Periodic Labour Force Survey (PLFS) के ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब यह सर्वेक्षण मासिक आधार पर जारी किया जाएगा और इसमें पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों के आंकड़े भी शामिल किए जाएंगे। पहले PLFS केवल शहरी क्षेत्रों के लिए त्रैमासिक आंकड़े प्रदान करता था, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वार्षिक आंकड़े ही उपलब्ध थे। इस बदलाव का उद्देश्य रोजगार और बेरोजगारी से संबंधित अधिक सटीक और समयबद्ध जानकारी प्रदान करना है, जिससे नीति-निर्माण में सहायता मिल सके।

अप्रैल 2025 का पहला मासिक PLFS बुलेटिन: प्रमुख निष्कर्ष

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी अप्रैल 2025 के पहले मासिक बुलेटिन के अनुसार:

  • कुल बेरोजगारी दर:1% (15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लिए)
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर:5%
  • शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर:5%
  • युवा बेरोजगारी दर (15-29 वर्ष):8% (शहरी: 17.2%, ग्रामीण: 12.3%)
  • महिला श्रम बल भागीदारी दर (LFPR):2% (ग्रामीण: 38.2%, शहरी: 25.7%)
  • कुल श्रम बल भागीदारी दर:6% (ग्रामीण: 58.0%, शहरी: 50.7%)

यह आंकड़े Current Weekly Status (CWS) पद्धति पर आधारित हैं, जिसमें पिछले सात दिनों के दौरान व्यक्ति की रोजगार स्थिति का आकलन किया जाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में डेटा शामिल करने का महत्व

ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था कृषि, मनरेगा जैसे कार्यक्रमों और असंगठित क्षेत्रों पर आधारित है। पहले PLFS में ग्रामीण क्षेत्रों के त्रैमासिक आंकड़ों की अनुपस्थिति के कारण नीति-निर्माताओं को समय पर सटीक जानकारी नहीं मिल पाती थी। अब, ग्रामीण क्षेत्रों के आंकड़े शामिल होने से:

  • मनरेगा और अन्य ग्रामीण रोजगार योजनाओं की प्रभावशीलता का मूल्यांकन बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।
  • महिला श्रम भागीदारी और युवा बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर अधिक स्पष्टता मिलेगी।
  • राज्य और जिला स्तर पर नीति-निर्माण के लिए सटीक डेटा उपलब्ध होगा।

प्रमुख संकेतक: LFPR, WPR और UR

  • Labour Force Participation Rate (LFPR): यह दर्शाता है कि कितने प्रतिशत लोग कार्यबल में सक्रिय हैं। अप्रैल 2025 में कुल LFPR 55.6% था, जिसमें पुरुषों का LFPR 77.7% और महिलाओं का 2% था।
  • Worker Population Ratio (WPR): यह दर्शाता है कि कितने प्रतिशत लोग वास्तव में कार्यरत हैं। अप्रैल 2025 में कुल WPR 52.8% था, जिसमें पुरुषों का WPR 73.7% और महिलाओं का 5% था।
  • Unemployment Rate (UR): यह दर्शाता है कि कितने प्रतिशत लोग कार्यबल में सक्रिय हैं लेकिन कार्यरत नहीं हैं। अप्रैल 2025 में कुल UR 5.1% था, जिसमें पुरुषों का UR 5.2% और महिलाओं का 0% था।

नए बदलावों का व्यापक प्रभाव

PLFS में किए गए इन बदलावों से:

  • उच्च आवृत्ति वाले डेटा उपलब्ध होंगे, जिससे नीति-निर्माण में तेजी आएगी।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच तुलना संभव होगी, जिससे क्षेत्रीय असमानताओं को समझा जा सकेगा।
  • महिला और युवा रोजगार के मुद्दों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।
  • अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए भारत के श्रम बाजार की स्थिति का सटीक मूल्यांकन संभव होगा।

इन बदलावों से भारत की श्रम शक्ति की समझ में सुधार होगा और रोजगार से संबंधित नीतियों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा।

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