कोच्चि वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट : मुख्य बिंदु
कोच्चि जल मेट्रो परियोजना एक नौका परिवहन परियोजना है। यह उपनगरों को फीडर सेवा प्रदान करती है। इसके साथ ही कोच्चि वाटर मेट्रो परियोजना शुरू करने वाला भारत का पहला शहर बन गया है।
परियोजना के बारे में
- यह परियोजना कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड द्वारा संचालित है। इस परियोजना के तहत 15 मार्गों की पहचान की गई है। यह दस द्वीपों को जोडती है। इसकी दूरी लगभग 76 किलोमीटर है।
- वाटर मेट्रो से एक लाख से ज्यादा द्वीपवासियों को फायदा होगा। यह सामाजिक रूप से समावेशी परिवहन प्रणाली के रूप में काम करेगी।
- यह परियोजना पर्यटन आधारित पहलों में सुधार पर भी ध्यान केंद्रित करेगी और आजीविका में सुधार करेगी।
- यह परियोजना ऊर्जा कुशल, आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित नौकाओं को पेश करेगी।
- इस परियोजना से ट्रैफिक भीड़-भाड़ और प्रदूषण कम होगा।
नौकाओं का निर्माण कोचीन शिपयार्ड में किया गया था। ये पूरी तरह से वातानुकूलित हैं। उनमे चौड़ी खिड़कियां हैं जो बैकवाटर के अच्छे दृश्य प्रदान करती हैं। यह परियोजना 23 नावों का संचालन करेगी। नावों में सौ यात्री सवार हो सकते हैं।
आवंटित धनराशि
इस परियोजना की कुल लागत 819 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के अधिकांश भाग को भारत-जर्मन सहयोग द्वारा वित्तपोषित किया गया है। जर्मन फंडिंग एजेंसी KFW 85 मिलियन यूरो यानी 102 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। केरल सरकार ने 102 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। भूमि अधिग्रहण की लागत 72 करोड़ रुपये है।