कैबिनेट ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए राहत पैकेज को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 सितंबर, 2021 को दूरसंचार क्षेत्र के लिए राहत पैकेज को मंजूरी दी है। राहत पैकेज में दूरसंचार कंपनियों द्वारा वैधानिक बकाया के भुगतान पर 4 साल की मोहलत (moratorium) शामिल है।
मुख्य बिंदु
- कैबिनेट ने स्वचालित मार्ग से 100% विदेशी निवेश (FDI) की भी अनुमति दी है।
- कुल मिलाकर, दूरसंचार क्षेत्र के लिए 9 संरचनात्मक सुधारों (structural reforms) को मंजूरी दी गई है।
- इन उपायों से नकदी प्रवाह (cash flow) के मुद्दों को कम करने की उम्मीद है जिसका कुछ दूरसंचार उद्यम का सामना कर रहे हैं।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment – FDI)
किसी देश के किसी व्यक्ति या फर्म से किसी दूसरे देश में किया गया कोई भी निवेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कहलाता है। जब कोई विदेशी कंपनी किसी दूसरे देश में किसी कंपनी के शेयरों में स्वामित्व या नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करती है या वहां व्यवसाय स्थापित करती है, तो उसे FDI कहा जाता है। यह विदेशी पोर्टफोलियो निवेश से अलग है जिसमें विदेशी संस्था सिर्फ एक कंपनी के इक्विटी शेयर खरीदती है। FDI के तहत कंपनी के संचालन में विदेशी इकाई को दिन-प्रतिदिन का अधिकार मिलता है।
भारत में FDI मार्ग
- स्वचालित मार्ग FDI (Automatic Route FDI) : FDI के इस मार्ग में, विदेशी संस्था को सरकार या RBI के पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती है।
- सरकारी मार्ग FDI (Government Route FDI) : FDI के इस मार्ग के तहत, विदेशी संस्था को अनिवार्य रूप से सरकार की मंजूरी लेना आवश्यक है। अनुमोदन प्राप्त करने के लिए, उसे पहले विदेशी निवेश सुविधा पोर्टल के माध्यम से एक आवेदन दाखिल करना पड़ता है। फिर यह आवेदन संबंधित मंत्रालय या विभाग को भेजा जाता है, जो अंतिम रूप से DPIIT के परामर्श से आवेदन को स्वीकृत या अस्वीकार करता है।
Originally written on
September 16, 2021
and last modified on
September 16, 2021.