केंद्र सरकार प्रयोगशाला परीक्षण बुनियादी ढांचे (lab testing infrastructure) के विस्तार के लिए 324 करोड़ रुपये का निवेश करेगी
केंद्र सरकार द्वारा 42 वायरोलॉजी अनुसंधान और नैदानिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। यह 2021-22 से 2025-26 की अवधि के दौरान एक केंद्रीय योजना के तहत स्थापित की जाएँगी। इस परियोजना पर 324 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मुख्य बिंदु
- यह योजना भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (DHR) के अंतर्गत आती है।
- इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य महामारी के प्रकोप के दौरान वायरस की समय पर पहचान और निदान की कवरेज को बढ़ावा देने में मदद करना है।
- यह योजना सभी वायरल रोगों के बारे में डेटा सृजन को बढ़ाने पर भी ध्यान देगी ताकि संसाधनों को जल्दी से तैनात किया जा सके और मानव जीवन को बचाने के उपाय किए जा सकें।
- व्यय वित्त समिति (Expenditure Finance Committee – EFC) ने वर्ष 2013 में 646.83 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ इस योजना को मंजूरी दी थी।
- स्थायी वित्त समिति ने 2017-18 से 2019-20 की अवधि के लिए 488.5 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ वर्ष 2017 में इस योजना को अपनी मंजूरी दी।
- इस योजना को एक वर्ष के लिए 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया गया था।
- मार्च 2021 में हाल ही में स्थायी वित्त समिति की बैठक में योजना को जारी रखने के लिए मंजूरी दी गई थी।
इस योजना का लक्ष्य
प्रारंभ में, इस योजना का लक्ष्य 160 प्रयोगशालाओं का त्रिस्तरीय नेटवर्क स्थापित करना था, जिन्हें 30 राज्य-स्तरीय प्रयोगशाला, 10 क्षेत्रीय स्तर की प्रयोगशालाओं और 120 मेडिकल कॉलेज प्रयोगशालाओं में विभाजित किया गया था।
बाद में, लक्ष्य को घटाकर 125 वायरल अनुसंधान और नैदानिक प्रयोगशालाओं तक कर दिया गया, जिन्हें 25 राज्य स्तरीय प्रयोगशालाओं, 10 क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं और 90 मेडिकल कॉलेज स्तर की प्रयोगशालाओं में विभाजित किया गया था। 31 मार्च 2021 तक 124 VRDL का एक नेटवर्क स्थापित किया गया है।
Originally written on
July 24, 2021
and last modified on
July 24, 2021.