ऑपरेशन MED MAX: चार महाद्वीपों में फैले वैश्विक फार्मा ड्रग रैकेट का पर्दाफाश

भारत ने वैश्विक स्तर पर नशीली दवाओं के कारोबार के विरुद्ध एक बड़ी जीत हासिल की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और अन्य एजेंसियों को बधाई दी है जिन्होंने “ऑपरेशन MED MAX” के तहत चार महाद्वीपों और दस से अधिक देशों में फैले एक अत्याधुनिक फार्मास्युटिकल ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ किया है। यह अभियान डिजिटल साधनों के जरिए संचालित अवैध दवा नेटवर्क को तोड़ने का बेहतरीन उदाहरण बनकर उभरा है।

ऑपरेशन MED MAX: भारत से अमेरिका तक

यह अभियान 25 मई 2025 को नई दिल्ली के मंडी हाउस के पास एक वाहन की तलाशी से शुरू हुआ, जहां से 3.7 किलोग्राम ट्रामाडोल टैबलेट्स बरामद हुईं। गिरफ्तार हुए दोनों आरोपी नोएडा के एक निजी विश्वविद्यालय से फार्मेसी स्नातक थे। पूछताछ में पता चला कि वे एक प्रमुख B2B प्लेटफॉर्म पर विदेशी ग्राहकों को दवाएं बेच रहे थे।
इनपुट्स के आधार पर रुड़की, दिल्ली के मयूर विहार और कर्नाटक के उडुपी तक जांच पहुंची, जहां एक कॉल सेंटर से नेटवर्क के संचालन की जानकारी मिली। वहां से 50 अंतरराष्ट्रीय खेपों के प्रमाण मिले — जिनमें से 29 अमेरिका, 18 ऑस्ट्रेलिया और बाकी यूरोपीय देशों जैसे एस्टोनिया, स्पेन और स्विट्ज़रलैंड के लिए थीं।

वैश्विक कार्रवाई और जब्तियाँ

भारत की जानकारी पर अमेरिकी DEA ने अलबामा में एक प्रमुख मनी लॉन्डर और री-शिपर को गिरफ्तार किया, जहां 17,000 से अधिक नियंत्रित दवाइयाँ और कई क्रिप्टो वॉलेट जब्त किए गए। ऑस्ट्रेलिया में एक अवैध गोली निर्माण इकाई भी ध्वस्त की गई।

कार्यप्रणाली: डिजिटल तकनीकों से लैस नेटवर्क

इस कार्टेल ने डिजिटल दुनिया की कई तकनीकों का उपयोग किया:

  • एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप (जैसे Telegram) पर संचार
  • क्रिप्टोकरेंसी, PayPal, और वेस्टर्न यूनियन के माध्यम से भुगतान
  • ड्रॉप-शिपिंग मॉडल, जिसमें शिपमेंट कभी भी स्थानीय स्तर पर नहीं होता
  • B2B पोर्टल पर प्रीमियम प्रोफाइल, जिससे खरीदारों को आकर्षित किया जाता था
  • कॉल सेंटर जो ग्राहक सेवा और आदेश संभालता था

नेटवर्क का विस्तार पुराने ग्राहकों को री-शिपर और स्टॉकिस्ट बनाकर किया जाता था, जिससे यह एक आत्मनिर्भर तंत्र बन गया था।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ऑपरेशन MED MAX की शुरुआत मई 2025 में हुई थी।
  • इसमें 4 महाद्वीपों और 10+ देशों में नेटवर्क का खुलासा हुआ।
  • ट्रामाडोल एक नियंत्रित दवा है जिसका दुरुपयोग नशे के रूप में किया जाता है।
  • क्रिप्टोकरेंसी आधारित भुगतान, ड्रॉप शिपिंग, और B2B प्लेटफॉर्म नेटवर्क का मुख्य आधार था।

मास्टरमाइंड और आगे की दिशा

इस नेटवर्क के मुख्य मास्टरमाइंड की पहचान UAE में हुई है। भारतीय एजेंसियां उसे न्याय के कटघरे में लाने के लिए यूएई अधिकारियों से सहयोग कर रही हैं। भारत में अब तक आठ गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं और हवाला तथा क्रिप्टो ट्रांजैक्शन की जांच जारी है।
NCB अब निजी प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर ऑनलाइन अवैध फार्मेसियों पर शिकंजा कस रही है, जो नियंत्रित दवाओं का खुलेआम प्रचार कर रही हैं। यह ऑपरेशन भारत के युवा वर्ग को नशे से बचाने की दिशा में सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता का प्रतीक है और भविष्य में वैश्विक ड्रग रैकेट्स के खिलाफ निर्णायक भूमिका निभाएगा।

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