इंडोनेशिया के समुद्र में मिली दो नई समुद्री स्लग प्रजातियां: Phyllidia ovata और Phyllidia fontjei का हुआ वैज्ञानिक नामकरण

जर्मनी, इंडोनेशिया और वेल्स की पांच महिला वैज्ञानिकों की एक टीम ने इंडोनेशिया के उत्तर सुलावेसी तट पर दो नई समुद्री स्लग प्रजातियों की खोज की है, जिन्हें Phyllidia ovata और Phyllidia fontjei नाम दिया गया है। ये प्रजातियां Phyllidiidae परिवार की हैं, जिन्हें आमतौर पर “वार्ट सी स्लग” के रूप में जाना जाता है और यह खोज समुद्री जैव विविधता के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान मानी जा रही है।
Phyllidia ovata: अंडे के आकार की जीवित कला
- इस समुद्री स्लग का आकार अंडे जैसा है और इसी कारण इसे “ovata” नाम दिया गया है।
- यह मध्यम आकार की प्रजाति है जिसकी लंबाई लगभग 5 सेंटीमीटर तक हो सकती है।
- इसे पिछले 23 वर्षों में इंडोनेशिया, जापान, ताइवान, फिलीपींस और ऑस्ट्रेलिया में कई बार देखा गया, लेकिन अब जाकर इसका वैज्ञानिक नामकरण हुआ है।
- इसका रंग और आकृति फोटोग्राफरों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है और इसका नमूना स्कूबा डाइविंग के माध्यम से एकत्र किया गया।
Phyllidia fontjei: एक दुर्लभ लेकिन ऐतिहासिक खोज
- इस प्रजाति का नाम इंडोनेशिया के दिवंगत वैज्ञानिक डॉ. फोंजे कालिगिस के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने उत्तर सुलावेसी की जैव विविधता पर वैश्विक अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा दिया।
- यह छोटी प्रजाति अधिकतम 16 मिमी लंबी होती है और खोज करना अत्यंत कठिन है।
- हालांकि इसका मुख्य वितरण अंडमान सागर में है, लेकिन इसे इंडोनेशिया और मलेशिया में भी देखा गया है।
- इसका वैज्ञानिक विवरण एकमात्र होलोटाइप नमूने पर आधारित है, जिसकी विस्तृत हिस्टोलॉजिकल जांच की गई है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- Phyllidiidae परिवार की ये स्लग्स समुद्री स्पंज खाकर उनके विष को आत्मरक्षा में उपयोग करती हैं।
- केवल उत्तर सुलावेसी क्षेत्र में ही अब तक 350 से अधिक समुद्री स्लग प्रजातियां दर्ज की जा चुकी हैं।
- लगभग 100 अनाम प्रजातियां अब भी इस क्षेत्र में मौजूद हैं, जिन्हें औपचारिक वैज्ञानिक नाम मिलना बाकी है।
- इन खोजों में नागरिक विज्ञान मंचों जैसे iNaturalist, NudiPixel, और पूर्व का Sea Slug Forum ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- अनुसंधानकर्ताओं ने इन मंचों पर साझा की गई तस्वीरों और जानकारियों के जरिए प्रजातियों की पहचान की।
निष्कर्ष
Phyllidia ovata और Phyllidia fontjei की खोज केवल वैज्ञानिक अनुसंधान की जीत नहीं है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण भी है कि आम नागरिकों की भागीदारी से वैज्ञानिक समुदाय कैसे प्राकृतिक विविधता के संरक्षण में बड़ी भूमिका निभा सकता है। यह खोज समुद्री जैव विविधता की जटिलताओं को समझने और दस्तावेज़ करने की दिशा में एक प्रेरणास्रोत है, खासकर ऐसे समय में जब धरती के हर कोने की जैव विविधता को संरक्षण की आवश्यकता है।