इंटरनेशनल मैथ ओलंपियाड 2025 में AI मॉडल्स ने जीता गोल्ड मेडल, भारत ने भी दिखाया दम

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज हुई है, जब दो प्रमुख AI मॉडल – OpenAI और Google DeepMind – ने इंटरनेशनल मैथेमैटिकल ओलंपियाड (IMO) 2025 में स्वर्ण पदक के लिए आवश्यक स्कोर प्राप्त किया। यह पहली बार है जब किसी AI प्रणाली ने इतने उच्च स्तरीय गणितीय समस्याओं को हल करते हुए इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में मानव स्तर की सफलता हासिल की है।

इंटरनेशनल मैथ ओलंपियाड क्या है?

IMO एक वार्षिक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता है जिसमें विश्वभर के स्कूल स्तर के सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ भाग लेते हैं। यह प्रतियोगिता 1959 से आयोजित की जा रही है और इसमें दो सत्र होते हैं, प्रत्येक 4.5 घंटे का। हर सत्र में प्रतिभागियों को तीन कठिन गणितीय समस्याएं हल करनी होती हैं, जिनमें बीजगणित, संयोगिकी, ज्यामिति और संख्या सिद्धांत जैसे विषय शामिल होते हैं। प्रत्येक समस्या के लिए अधिकतम सात अंक दिए जाते हैं।

AI मॉडल्स की ऐतिहासिक उपलब्धि

इस वर्ष, OpenAI और Google DeepMind द्वारा विकसित AI reasoning मॉडल्स ने छह में से पाँच समस्याएं सफलतापूर्वक हल कीं और 42 में से 35 अंक अर्जित किए, जो कि गोल्ड मेडल के कट-ऑफ स्कोर के बराबर है। इन AI मॉडलों ने बिल्कुल उसी शर्तों पर कार्य किया जैसे मानव प्रतिभागियों ने किया, जिसमें समय सीमा और प्रश्नों की जटिलता भी शामिल थी।
Google का Gemini Deep Think मॉडल, जो कि एक सामान्य प्रयोजन reasoning मॉडल है, IMO के द्वारा आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया गया। वहीं OpenAI के मॉडल की पुष्टि पूर्व IMO पदक विजेताओं द्वारा की गई थी। Google का मॉडल “parallel thinking” तकनीक का प्रयोग करता है जिससे वह विभिन्न संभावनाओं को एक साथ विश्लेषित कर अंतिम समाधान तक पहुंचता है।

भारत की शानदार प्रदर्शन

भारत ने IMO 2025 में तीन स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीते। दिल्ली पब्लिक स्कूल, फरीदाबाद के कनव तलवार और आरव गुप्ता ने स्वर्ण पदक जीता जबकि उनके साथी अर्चित मानस ने कांस्य पदक प्राप्त किया। कनव तलवार ने AI मॉडल्स से दो अंक अधिक अर्जित किए, जो उन्हें इस उपलब्धि में विशेष बनाता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • इंटरनेशनल मैथेमैटिकल ओलंपियाड की शुरुआत वर्ष 1959 में रोमानिया में हुई थी।
  • प्रत्येक IMO प्रतियोगी को कुल 6 समस्याएं हल करनी होती हैं, दो सत्रों में बंटी हुई।
  • AI मॉडल्स द्वारा 2025 में IMO गोल्ड मेडल स्कोर प्राप्त करना पहली बार हुआ है।
  • भारत के छात्र पिछले कई वर्षों से IMO में लगातार पदक जीतते आ रहे हैं, खासकर दिल्ली और चेन्नई जैसे शहरों से।

AI की यह उपलब्धि गणित के क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर इशारा करती है। हालांकि, भारत के युवा गणितज्ञों ने यह भी रेखांकित किया कि AI अभी भी उस रचनात्मकता और भावनात्मक जुड़ाव से दूर है जो मानवीय समस्या-समाधान का विशेष गुण होता है। भविष्य में, AI गणितज्ञों की मदद कर सकता है — जटिल गणनाओं को आसान बनाने, प्रूफ चेक करने और नए विचारों पर मंथन करने में — लेकिन उसकी जगह लेना अभी भी एक दूर की कौड़ी है।

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