आर्थिक सहयोग के लिए भारत-इटली संयुक्त आयोग : मुख्य बिंदु
भारत-इटली संयुक्त आर्थिक सहयोग आयोग (JCEC) का 21वां सत्र हाल ही में आयोजित किया गया था।
मुख्य बिंदु
- इस सत्र की सह-अध्यक्षता वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और इटली के विदेश मामलों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्री लुइगी डि माओ ने की।
- दोनों देशों ने कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, रेलवे, चमड़ा, स्टार्ट-अप और एसएमई को बढ़ावा देने के क्षेत्रों में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश और आर्थिक सहयोग पर चर्चा की।ये सभी क्षेत्र अर्थव्यवस्था के विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- दोनों मंत्रियों ने व्यापार और निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए द्विपक्षीय बाजार पहुंच मुद्दों और गैर-टैरिफ बाधाओं पर भी चर्चा की।
- उन्होंने पोर्टो, पुर्तगाल में भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं के शिखर सम्मेलन के परिणामों की भी समीक्षा की।
- भारत द्वारा उठाए गए अन्य मुद्दे थे- COWIN वैक्सीन सर्टिफिकेट की पारस्परिक मान्यता, यात्रा प्रतिबंध खोलना, बिजनेस वीजा की लंबी अवधि और इटली में काम करने वाले भारतीयों के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभों की पोर्टेबिलिटी।
भारत-इटली आर्थिक सहयोग (India-Italy Economic Cooperation)
भारत और इटली के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2 दशकों में 12 गुना बढ़ा है। 1991 और 2011 के बीच यह यूरो 708 मिलियन से बढ़कर 8.5 बिलियन यूरो हो गया है। हालांकि, 2012 से द्विपक्षीय व्यापार में गिरावट शुरू हो गई है। 2017 में, दोनों देशों ने स्वास्थ्य क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता ज्ञापन तकनीकी, वित्तीय और मानव संसाधनों को पूल करके स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग की परिकल्पना करता है। इस समझौता ज्ञापन के तहत की गई गतिविधियों में डॉक्टरों का आदान-प्रदान और प्रशिक्षण, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं स्थापित करना और फार्मास्यूटिकल्स में व्यवसाय विकास के अवसरों को बढ़ावा देना शामिल है। 2017-18 के दौरान इटली यूरोपीय संघ में भारत का 5वां और दुनिया भर में 25वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
पृष्ठभूमि
भारत-इटली संयुक्त आर्थिक सहयोग आयोग (JCEC) का 20वां सत्र 26-27 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। इसकी सह-अध्यक्षता केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु और आर्थिक विकास उप-मंत्री मिशेल गेरई ने की।