आईएनएस निस्तार: गहराई में सुरक्षा का स्वदेशी प्रतीक

भारतीय नौसेना ने 11 जुलाई को विशाखापत्तनम के नेवल डॉकयार्ड में आईएनएस निस्तार को आधिकारिक रूप से कमीशन किया। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित यह पोत भारतीय नौसेना के दो नए डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) में से पहला है, जिसे 2018 में ऑर्डर किया गया था। इसका जुड़वां पोत, निपुण, 2022 में लॉन्च हुआ था और जल्द ही सेवा में शामिल होने की संभावना है।
आईएनएस निस्तार की क्षमताएँ और निर्माण
आईएनएस निस्तार की कहानी 1971 में शुरू हुई थी जब भारत ने सोवियत संघ से पहला पनडुब्बी बचाव पोत प्राप्त किया था। वह पोत 1989 तक सेवा में रहा और अब नया निस्तार उस विरासत को आधुनिक तकनीक और आत्मनिर्भरता के साथ आगे बढ़ा रहा है।
नया निस्तार लगभग 10,500 टन भार के साथ 120 मीटर लंबा और 20 मीटर से अधिक चौड़ा है, जो 60 दिनों तक समुद्र में टिके रहने की क्षमता रखता है। इसमें 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग हुआ है और 120 से अधिक एमएसएमई कंपनियों ने इसके निर्माण में योगदान दिया है।
इस पोत में आधुनिक एयर और सैचुरेशन डाइविंग सिस्टम, रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (ROV), साइड स्कैन सोनार, और 15 टन की सबसी क्रेन जैसी उन्नत सुविधाएं मौजूद हैं। इसके अलावा, यह एक अत्याधुनिक डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (DSRV) का “मदरशिप” भी है, जिसे ब्रिटेन की कंपनी से 2018-19 में खरीदा गया था।
रणनीतिक महत्व और परिचालन उपयोगिता
आईएनएस निस्तार की तैनाती से भारतीय नौसेना की पनडुब्बी बचाव क्षमता में क्रांतिकारी वृद्धि हुई है। इससे पहले नौसेना को DSRV की तैनाती के लिए व्यावसायिक जहाजों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे तत्काल प्रतिक्रिया में बाधा आती थी। अब, निस्तार और निपुण जैसे पोतों की उपलब्धता से भारत की समुद्री सीमाओं पर 24×7 उच्च-तैयारी वाली बचाव व्यवस्था संभव हो गई है।
निस्तार विशाखापत्तनम में पूर्वी तट पर आधारित होगा, जबकि निपुण मुंबई में पश्चिमी तट पर। यह दोहरी तैनाती रणनीति देश के दोनों समुद्री मोर्चों पर एकसमान प्रतिक्रिया क्षमता सुनिश्चित करती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत अब उन 12 देशों में शामिल है जिनके पास समर्पित डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (DSRV) की क्षमता है।
- आईएनएस निस्तार का निर्माण ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के अंतर्गत हुआ, और यह पहला स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया DSV है।
- पोत में ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू और हाइपरबेरिक मेडिकल सुविधाओं वाला आठ-बेड वाला अस्पताल भी है।
- निस्तार की तैनाती से भारत समुद्री मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) मिशनों में प्रमुख भूमिका निभा सकता है।
आईएनएस निस्तार केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत की समुद्री रणनीतिक सोच और वैश्विक उत्तरदायित्व के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह न केवल हमारी पनडुब्बी सुरक्षा क्षमता को मजबूत करता है, बल्कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को एक भरोसेमंद समुद्री सुरक्षा प्रदाता के रूप में स्थापित करता है।