आंध्र प्रदेश में ‘सर्वपल्ली राधाकृष्णन विद्यार्थी मित्र किट्स’ योजना: शिक्षा को राजनीति से ऊपर रखने की पहल

आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने एक महत्वाकांक्षी और छात्रों-केंद्रित योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य शिक्षा को राजनीति से अलग रखते हुए विद्यार्थियों को समान अवसर प्रदान करना है। इस योजना का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति, शिक्षाविद् और दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम पर रखा गया है।

योजना का उद्देश्य और विशेषताएँ

‘सर्वपल्ली राधाकृष्णन विद्यार्थी मित्र किट्स’ योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने 35 लाख से अधिक सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को मुफ्त में स्कूल किट्स वितरित किए हैं। प्रत्येक किट की औसत लागत ₹2,279 है, जिसमें कुल ₹953.71 करोड़ खर्च किए गए — ₹778.68 करोड़ राज्य सरकार द्वारा और ₹175.03 करोड़ केंद्र सरकार द्वारा वहन किए गए।
योजना का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और पूरी तरह से तैयार शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मविश्वास और समान अवसरों से लैस करना है।

किट में क्या-क्या शामिल है?

  • तीन सेट यूनिफॉर्म (नए रंगों में — ऑलिव ग्रीन पैंट/गाउन और हल्के पीले-हरे धारियों वाली शर्ट)
  • एक जोड़ी जूते, दो जोड़ी मोजे, बेल्ट और स्कूल बैग
  • पाठ्यपुस्तकें, कार्यपुस्तकें और नोटबुक्स
  • कक्षा 6 के लिए ऑक्सफोर्ड अंग्रेज़ी-अंग्रेज़ी-तेलुगु शब्दकोश
  • कक्षा 1 के लिए चित्रात्मक शब्दकोश
  • क्षेत्रीय/अल्पसंख्यक भाषाओं जैसे उर्दू, तमिल और उड़िया में शब्दकोश (जहाँ आवश्यकता हो)
  • यूनिफॉर्म सिलाई शुल्क भी सरकार ने वहन किया है — कक्षा 1 से 8 के लिए ₹120 और कक्षा 9 से 10 के लिए ₹240

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • योजना का नाम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम पर रखा गया, जो भारत के दूसरे राष्ट्रपति (1962–1967) थे।
  • पहले इस योजना को YSRCP सरकार ने ‘जगनन्ना विद्या कनुका’ नाम से संचालित किया था जिसमें राजनीतिक प्रतीकों का उपयोग होता था।
  • यह पहली बार है जब छात्रों को दिए गए किट्स पर कोई राजनीतिक नाम, रंग या चिन्ह नहीं है।
  • किट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तीन-स्तरीय जांच की गई, जिसमें गुणवत्ता परिषद (QCI) ने कच्चे माल से लेकर पैकेजिंग तक सभी चरणों में परीक्षण किया।
  • ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली के माध्यम से खरीदी कर सरकार ने ₹63.80 करोड़ की बचत की।

शिक्षा में राजनीति से ऊपर सोच

पूर्ववर्ती सरकार द्वारा चलाई गई किट योजना पर यह आरोप लगता रहा था कि वह छात्रों के माध्यम से राजनीतिक प्रचार का माध्यम बन रही थी। लेकिन वर्तमान सरकार ने इस प्रवृत्ति से हटकर, डॉ. राधाकृष्णन जैसे शिक्षा-प्रेरक व्यक्तित्व को नाम देकर विद्यार्थियों के बीच शिक्षा को सर्वोच्च रखा है।

निष्कर्ष

‘सर्वपल्ली राधाकृष्णन विद्यार्थी मित्र किट्स’ योजना न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम है, बल्कि यह राजनीतिक निष्पक्षता, गुणवत्ता और पारदर्शिता का भी आदर्श उदाहरण है। इस योजना ने यह साबित किया है कि यदि इरादे नेक हों, तो सरकारी प्रयास बच्चों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला सकते हैं।

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