आंध्र प्रदेश में भवन स्व-प्रमाणन योजना 2025: निर्माण क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार

आंध्र प्रदेश सरकार ने 13 जुलाई 2025 को ‘स्व-प्रमाणन योजना’ (Self-Certification Scheme – SCS) के अंतर्गत भवन निर्माण अनुमतियों के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस पहल का उद्देश्य निर्माण कार्य को तीव्र, पारदर्शी और व्यवसायिक दृष्टि से सरल बनाना है। यह कदम रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहन देने और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है।
स्व-प्रमाणन योजना 2025 के प्रमुख बिंदु
SCS 2025 को आंध्र प्रदेश भवन नियमावली 2017 में अध्याय-XIV के रूप में जोड़ा गया है। इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि भवन निर्माण अनुमतियों से संबंधित शक्ति और जिम्मेदारियाँ अब ‘लाइसेंस प्राप्त तकनीकी व्यक्तियों’ (LTPs) और नागरिकों को सौंप दी गई हैं, वह भी ट्रस्ट आधारित प्रणाली के अंतर्गत।
अब आवेदक ऑनलाइन बिल्डिंग परमिशन सिस्टम (OBPS) के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं और शुल्क भुगतान के बाद तात्कालिक रूप से अनुमति प्राप्त कर सकते हैं। अनुमति मिलते ही निर्माण कार्य आरंभ किया जा सकता है। निरीक्षण हेतु टाउन प्लानिंग अधिकारियों द्वारा निरीक्षण की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है।
किसे और किन शर्तों पर मिलेगा लाभ?
प्रारंभिक चरण में यह योजना निम्न श्रेणियों पर लागू होगी:
- गैर-हाईराइज़ आवासीय भवन, जिनका भूखंड क्षेत्र 4000 वर्ग मीटर तक हो।
- अनुमोदित लेआउट्स, 2008 और 2020 की भूमि नियमितीकरण योजनाओं के अंतर्गत नियमित लेआउट्स, ग्रामकांतम तथा पूर्व-1985 योजनाओं पर आधारित भवन पुनर्विकास।
- 500 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर ‘श्वेत श्रेणी उद्योग’ (white category industries)।
- सभी शहरी स्थानीय निकायों और ग्राम पंचायतों में, जो शहरी विकास प्राधिकरणों के अधीन आते हैं (राजधानी क्षेत्र को छोड़कर)।
जिम्मेदारियों का पुनर्निर्धारण
- भवन स्वामी निर्माण के संपूर्ण कार्य में स्वीकृत योजना का पालन करने के लिए पूर्णतः उत्तरदायी होंगे।
- LTPs की जिम्मेदारी होगी कि वे प्रस्तुत दस्तावेजों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करें और योजनाएं मास्टर प्लान एवं क्षेत्रीय नियमों के अनुरूप हों।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- योजना का मुख्य उद्देश्य Ease of Doing Business को बेहतर बनाना और निवेश-हितैषी वातावरण निर्मित करना है।
- OBPS प्रणाली के माध्यम से तात्कालिक स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
- निरीक्षण की पारंपरिक प्रक्रिया को हटा दिया गया है, जिससे समय और प्रक्रिया दोनों की बचत होगी।
- यह योजना केंद्र सरकार की पूंजी निवेश सहायता (SASCI 2025-26) से जोड़ने के उद्देश्य से भी बनाई गई है।
यह योजना आंध्र प्रदेश में निर्माण कार्य और रियल एस्टेट क्षेत्र को नई गति देने वाली है। इससे न केवल निर्माण प्रक्रिया सरल होगी, बल्कि राज्य में निवेश और आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा।