आंध्र प्रदेश को ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम

आंध्र प्रदेश को ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने 21 जुलाई 2025 को “आंध्र प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन वैली घोषणा-पत्र 2025” (Green Hydrogen Valley Declaration-2025) जारी किया, जिसके माध्यम से राज्य को भारत में हरित हाइड्रोजन नवाचार और सतत औद्योगिक रूपांतरण का अगुवा बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

अमरावती बनेगा ग्रीन हाइड्रोजन वैली

मुख्यमंत्री ने हाल ही में अमरावती स्थित एसआरएम विश्वविद्यालय में आयोजित ग्रीन हाइड्रोजन समिट के दौरान इस घोषणा की रूपरेखा तैयार की थी। अब इसे आधिकारिक रूप से मुख्य सचिव के. विजयानंद और NEDCAP के एमडी कमलाकर बाबू की उपस्थिति में उनके कैंप कार्यालय से जारी किया गया।
घोषणा पत्र में वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों और नीति-निर्माताओं द्वारा राज्य में हरित हाइड्रोजन उत्पादन, अनुसंधान और उपयोग के लिए भारत का सबसे बड़ा इकोसिस्टम विकसित करने की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है।

प्रमुख लक्ष्य और योजनाएँ

  • 2029 तक 5 गीगावाट इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण क्षमता स्थापित करना।
  • प्रति वर्ष 1.5 मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य।
  • ग्रीन हाइड्रोजन की लागत ₹460 से घटाकर ₹160–₹170 प्रति किलोग्राम तक लाना।
  • 25 गीगावाट क्षमता वाला ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर विकसित करना।
  • 2030 तक इलेक्ट्रोलाइज़र और स्टोरेज के 60% हिस्सों का स्थानीय निर्माण।
  • कम से कम तीन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन इकाइयों की स्थापना।

स्वदेशी आपूर्ति श्रृंखला और वैश्विक साझेदारी

घोषणा-पत्र का एक केंद्रीय उद्देश्य स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देना और तकनीकी अनुसंधान क्षमताओं को सशक्त बनाना है। साथ ही, इसमें वैश्विक साझेदारियों को प्रोत्साहन देने और स्थायी विकास के लिए सुशासन मॉडल अपनाने की योजना है।

ग्रीन हाइड्रोजन समिट की भूमिका

दो दिवसीय ग्रीन हाइड्रोजन समिट में 600 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें हाइड्रोजन क्षेत्र के CEO, COO और MD स्तर के विशेषज्ञों की उपस्थिति रही। इन सत्रों में मिले सुझावों के आधार पर इस नीति दस्तावेज को अंतिम रूप दिया गया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ग्रीन हाइड्रोजन: स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है, जिसमें जल को इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से तोड़कर हाइड्रोजन प्राप्त की जाती है, जिसमें ग्रीन बिजली (सौर, पवन) का उपयोग होता है।
  • इलेक्ट्रोलाइज़र: वह यंत्र है जो बिजली की मदद से जल से हाइड्रोजन अलग करता है।
  • भारत का राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन: केंद्र सरकार ने 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य के लिए इस मिशन की शुरुआत की है।
  • अमरावती: आंध्र प्रदेश की राजधानी और अब ग्रीन हाइड्रोजन के लिए नवाचार का केंद्र बनने की ओर अग्रसर।

आंध्र प्रदेश की यह पहल न केवल राज्य के आर्थिक और पर्यावरणीय विकास को गति देगी, बल्कि भारत को वैश्विक ग्रीन एनर्जी मानचित्र पर भी मजबूती से स्थापित करेगी।

Originally written on July 23, 2025 and last modified on July 23, 2025.

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