अमेरिका में गर्मी का रिकॉर्ड टूटता संकट: हीट डोम की चेतावनी और जलवायु परिवर्तन की भूमिका

पिछले महीने अमेरिका के पूर्वी हिस्से में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी ने तबाही मचा दी, जिससे बिजली आपातकाल जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हुईं। इसके पीछे कारण था एक विशाल उच्च दाब प्रणाली — जिसे हीट डोम कहा जाता है। यह सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि इस गर्मी में यूरोप और चीन को भी प्रभावित कर चुका है, जहाँ एफिल टॉवर अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा और चावल की फसलें मुरझा गईं।

हीट डोम क्या होता है?

हीट डोम वह स्थिति है जब एक बड़ा उच्च दाब क्षेत्र किसी क्षेत्र पर स्थायी रूप से जम जाता है। इसके कारण वहां की हवा स्थिर हो जाती है और सूर्य की ऊर्जा से सतह तपने लगती है। यह प्रक्रिया एक आत्म-सुदृढ़ चक्र बनाती है, जो गर्मी को और अधिक तीव्र करता है।
यह घटना पूरे वर्ष कभी भी हो सकती है, लेकिन गर्मियों में इसका प्रभाव जानलेवा हो सकता है — जिससे फसलें सूखती हैं, बिजली की मांग आसमान छूती है, और स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है।

मौत का मौन खतरा

  • 1979 से 2022: अमेरिका में 14,000 से अधिक लोग गर्मी से मरे।
  • 2022 अकेले: Nature Medicine पत्रिका के अनुसार, 61,672 मौतें गर्मी के कारण हुईं।
  • 1980-2024: 23 जंगल की आग से $147.9 अरब का नुकसान और 537 मौतें; 32 सूखों से $367.6 अरब का नुकसान और 4,658 मौतें।

गर्मी के ये आंकड़े यह बताते हैं कि यह सबसे घातक मौसमीय घटना बनती जा रही है।

हीट डोम का पूर्वानुमान कठिन क्यों?

हीट डोम की भविष्यवाणी करना अन्य मौसमी घटनाओं की तुलना में अधिक कठिन है। जहाँ पोलर वॉर्टेक्स जैसी घटनाएँ सप्ताहों पहले देखी जा सकती हैं, वहीं हीट डोम के संकेत केवल कुछ दिनों पहले ही सामने आते हैं।
हालांकि, मौसम वैज्ञानिक Global Atmospheric Angular Momentum (GLAAM) जैसे संकेतकों का उपयोग करते हैं — जब यह कम होता है, तो यह मध्यम अक्षांश क्षेत्रों में हीट डोम की संभावना को दर्शाता है। न्यूयॉर्क में जून में जब तापमान 78°F था, तब ही चेतावनी जारी कर दी गई थी — 10 दिन बाद तापमान 99°F तक पहुँच गया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • हीट डोम: उच्च दाब प्रणाली जो एक क्षेत्र में गर्मी को रोककर रखती है।
  • GLAAM: एक वैश्विक संकेतक जो जेट स्ट्रीम की गति मापकर हीट डोम की संभावना दर्शाता है।
  • जेट स्ट्रीम: उच्च गति की वायुमंडलीय धारा जो मौसम प्रणाली को आगे बढ़ाती है।
  • पोलर वार्मिंग का प्रभाव: आर्कटिक के अधिक तेजी से गर्म होने से जेट स्ट्रीम कमजोर होती है और हीट डोम अधिक स्थिर हो जाते हैं।

जलवायु परिवर्तन की भूमिका

ग्लोबल वार्मिंग विशेष रूप से आर्कटिक क्षेत्र में अधिक तेजी से हो रही है, जिससे जेट स्ट्रीम की मजबूती घट रही है। यह मौसम प्रणालियों को लंबे समय तक एक स्थान पर रोकने का कारण बन सकता है, जैसे कि हीट डोम।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजेलेस की प्रो. कैरेन मैककिनन के अनुसार, “गर्म दिनों में तापमान में थोड़ी सी वृद्धि भी ग्रीष्म ऋतु को असहनीय बना सकती है।” ऐसे में दीर्घकालिक और सटीक मौसम पूर्वानुमानों की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक हो गई है।
हीट डोम न केवल ऊर्जा प्रणालियों को प्रभावित करता है बल्कि मानव स्वास्थ्य, कृषि, परिवहन और आर्थिक ढांचे को भी झकझोर देता है। यह जलवायु संकट की एक मूक चेतावनी है — और इससे निपटने के लिए पूर्वानुमान प्रणाली को और अधिक संवेदनशील और अग्रगामी बनाने की आवश्यकता है।

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