अमेरिका ने TRF को आतंकी संगठन घोषित किया: भारत-अमेरिका आतंकवाद विरोधी सहयोग में बड़ा कदम

18 जुलाई को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) के रूप में सूचीबद्ध किया। यह कदम अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया, जिसमें TRF ने 26 लोगों की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे भारत-अमेरिका आतंकवाद विरोधी सहयोग की “मजबूत पुष्टि” बताया।

TRF की उत्पत्ति और गतिविधियाँ

TRF की स्थापना वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सामने आई थी। यह पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की एक छद्म शाखा है। भारत सरकार ने इसे जनवरी 2023 में गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत आतंकी संगठन घोषित किया था। TRF आतंकवाद का प्रचार, आतंकियों की भर्ती, घुसपैठ और पाकिस्तान से हथियार व नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे कार्यों में संलिप्त है।
विशेषज्ञों का मानना है कि TRF का नाम जानबूझकर ‘सेकुलर’ और ‘स्थानीय’ दिखाने के लिए चुना गया, ताकि यह वैश्विक मंचों पर “स्वदेशी प्रतिरोध आंदोलन” जैसा प्रतीत हो और पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बच सके।

TRF की रणनीति और प्रशिक्षण

TRF में विदेशी आतंकवादियों के साथ-साथ स्थानीय युवकों की भी भर्ती की जाती है, जिन्हें पाकिस्तान में छह महीने तक प्रशिक्षण दिया जाता है। ये आतंकी अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं और डिजिटल माध्यमों जैसे टेलीग्राम, व्हाट्सऐप, और फेसबुक के ज़रिए अपनी गतिविधियों का प्रचार करते हैं।
TRF ने 2020 में कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में हुए मुठभेड़ के दौरान पहली बार बड़ी सुर्खियाँ बटोरी थीं, जिसमें पाँच भारतीय जवान और पाँच आतंकवादी मारे गए थे।

अमेरिकी प्रतिबंधों का प्रभाव

अमेरिका द्वारा किसी संगठन को FTO और SDGT घोषित करने का अर्थ है कि उस संगठन की अमेरिकी क्षेत्र में सभी संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है। इसके अलावा, अमेरिकी नागरिकों या कंपनियों द्वारा उस संगठन को किसी भी प्रकार का समर्थन देना अवैध हो जाता है। यह designation आतंकवादियों की आर्थिक मदद पर गंभीर रोक लगाता है और उन लोगों पर भी असर डालता है जो उनके साथ व्यवसाय करते हैं।
अब TRF के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई करना आसान होगा, और भारत जैसे देशों के लिए सहयोग बढ़ेगा। अमेरिका के इस निर्णय के बाद TRF से संबंधित सभी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेन-देन और समर्थन के स्रोत सूख सकते हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • TRF को भारत सरकार ने जनवरी 2023 में आतंकवादी संगठन घोषित किया था।
  • अमेरिका अब तक 79 संगठनों को FTO घोषित कर चुका है, जिनमें हिजबुल्ला, अल-कायदा जैसे संगठन शामिल हैं।
  • FTO और SDGT घोषित संगठनों के सभी अमेरिकी संपत्ति और वित्तीय लेन-देन जब्त किए जाते हैं।
  • FATF (Financial Action Task Force) एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो आतंकवाद वित्तपोषण पर निगरानी रखती है और ग्रे-लिस्टिंग कर सकती है।

TRF को आतंकी संगठन घोषित करने का अमेरिका का यह कदम न केवल भारत के लिए कूटनीतिक समर्थन का प्रतीक है, बल्कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के विरुद्ध एक साझा अभियान को और मजबूती प्रदान करता है। यह भारत-अमेरिका के बीच उभरती सुरक्षा साझेदारी को भी रेखांकित करता है।

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