अब तक 140 मिलियन मुफ्त स्वास्थ्य आईडी बनाई जा चुकी हैं : केंद्र सरकार
10 दिसंबर, 2021 को स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में जानकारी दी कि, सरकार ने प्रत्येक नागरिक के लिए मुफ्त में एक स्वास्थ्य आईडी बनाने का प्रावधान किया है।
मुख्य बिंदु
- अब तक, 140 मिलियन से अधिक स्वास्थ्य आईडी बनाई जा चुकी हैं।
- स्वास्थ्य आईडी बनाना स्वैच्छिक है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण नागरिकों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य आईडी के उपयोग और लाभों के बारे में जागरूकता पैदा कर रहा है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission)
इस मिशन को प्रधानमंत्री द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना AB PM-Jay) की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर लॉन्च किया गया था। यह पहली बार 15 अगस्त, 2020 को पीएम द्वारा घोषित किया गया था। आयुष्मान भारत योजना को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 की सिफारिश पर शुरू किया गया था।
डिजिटल स्वास्थ्य आईडी
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों के लिए डिजिटल स्वास्थ्य आईडी प्रदान करना है ताकि आवश्यकता पड़ने पर अस्पतालों, बीमा फर्मों और नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्वास्थ्य रिकॉर्ड प्रदान किया जा सके।
- स्वास्थ्य आईडी नागरिकों के स्वास्थ्य खाते के रूप में काम करती है। इसमें हर बीमारी, हर टेस्ट, निदान और ली गई दवाओं के सभी विवरण शामिल होते हैं।
- स्वैच्छिक आधार पर आईडी निःशुल्क प्रदान की जाती हैं। यह स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण करने में मदद करेगा और स्वास्थ्य कार्यक्रमों की बेहतर योजना, बजट और कार्यान्वयन में सहायता प्रदान करेगा।
स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं और पेशेवरों की रजिस्ट्री
इस योजना के तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्री (HFR) भी स्थापित की गई हैं। यह स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और चिकित्सा पेशेवरों के लिए आसान इलेक्ट्रॉनिक पहुंच की अनुमति देता है। HPR उन सभी स्वास्थ्य पेशेवरों का एक व्यापक भंडार है, जो स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में शामिल हैं।