अफ्रीका की भूली-बिसरी मछलियाँ: WWF की रिपोर्ट ने जताया ताजे पानी की जैव विविधता पर गंभीर संकट

वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फाउंडेशन (WWF) द्वारा 10 जुलाई 2025 को प्रकाशित एक नई रिपोर्ट “Africa’s Forgotten Fishes” में खुलासा किया गया है कि अफ्रीका की जांची गई 26% ताजे पानी की मछलियाँ विलुप्ति के खतरे में हैं। यह संकट केवल जैव विविधता की हानि नहीं, बल्कि खाद्य सुरक्षा, आजीविका और सांस्कृतिक पहचान के लिए भी सीधी चेतावनी है।

बहुआयामी संकट: मछलियों पर मंडराता खतरा

रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीका की 3,200 से अधिक ज्ञात ताजे पानी की मछली प्रजातियाँ — जिनमें से 28 की खोज पिछले वर्ष ही हुई — को अत्यधिक मछली पकड़ने, आवास विनाश, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और आक्रामक विदेशी प्रजातियों से खतरा है। ज़ाम्बेजी बाढ़ क्षेत्र में मछली पकड़ने में 90% तक की गिरावट दर्ज की गई, जबकि मलावी झील की प्रसिद्ध चाम्बो टिलापिया प्रजाति में 94% गिरावट आई है।

केवल मछलियाँ नहीं, संपूर्ण पारिस्थितिकी संकट में

WWF अफ्रीका फ्रेशवाटर प्रमुख एरिक ओयारे ने कहा, “जब ये मछलियाँ गायब होती हैं, तो हम केवल प्रजातियाँ नहीं खोते — हम खाद्य और पोषण सुरक्षा, आजीविकाएँ, पारिस्थितिक संतुलन और जलवायु अनुकूलन की क्षमता भी खो देते हैं।”
रिपोर्ट यह भी बताती है कि अफ्रीका की कई अनोखी मछलियाँ — जैसे कि हवा में साँस लेने वाली अफ्रीकी लंगफिश, अंधी सिचलिड जो भूमिगत गुफाओं में रहती है, और शिकारी अफ्रीकी टाइगरफिश — असाधारण जैव विविधता की मिसाल हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • अफ्रीका में 3,200 से अधिक ज्ञात ताजे पानी की मछली प्रजातियाँ हैं, जिनमें कई दुनिया में केवल वहीं पाई जाती हैं।
  • चाम्बो टिलापिया, जो मलावी की मुद्रा पर भी अंकित है, उसकी आबादी में 94% गिरावट आई है।
  • रिपोर्ट की सिफारिशों का प्रमुख केंद्र आगामी Ramsar COP15 सम्मेलन (23-31 जुलाई 2025) है, जो विक्टोरिया फॉल्स, जिम्बाब्वे में आयोजित होगा।
  • ताजे पानी की मछलियाँ पारिस्थितिकी में पोषक तत्व पुनर्चक्रण, शिकार और शाकाहारी भूमिका निभाती हैं।

आपातकालीन पुनर्स्थापन योजना: छह आवश्यक कदम

WWF की आपातकालीन योजना में छह ठोस कदम सुझाए गए हैं:

  1. नदियों के प्रवाह को स्वाभाविक बनाए रखना।
  2. जल गुणवत्ता में सुधार।
  3. महत्वपूर्ण आवास और प्रजातियों का संरक्षण और पुनर्स्थापन।
  4. अस्थिर संसाधन उपयोग पर रोक।
  5. आक्रामक विदेशी प्रजातियों का नियंत्रण।
  6. मुक्त रूप से बहने वाली नदियों की रक्षा और पुराने अवरोध हटाना।

आशा की किरण: सामुदायिक संरक्षण प्रयास

हालांकि संकट गहरा है, रिपोर्ट तंज़ानिया, जाम्बिया और नामीबिया में सफल सामुदायिक संरक्षण पहलों की ओर भी इशारा करती है। इन प्रयासों में प्रजनन क्षेत्रों की रक्षा, सह-प्रबंधन और क्षतिग्रस्त आवासों का पुनर्स्थापन शामिल है। साथ ही, Freshwater Challenge जैसे नए वैश्विक ढाँचे अफ्रीकी देशों को नेतृत्व करने का अवसर प्रदान करते हैं।
WWF ज़िम्बाब्वे के निदेशक इताई चिबाया ने कहा, “अफ्रीका की नदियों और मछलियों का भविष्य इसके लोगों के भविष्य से जुड़ा है। हमें अब निर्णायक कार्रवाई की ज़रूरत है।”
यह रिपोर्ट एक स्पष्ट चेतावनी है: यदि अब ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो केवल मछलियाँ नहीं, बल्कि संपूर्ण जल पारिस्थितिकी तंत्र और उस पर निर्भर लाखों ज़िंदगियाँ संकट में आ सकती हैं।

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