अप्रैल 2021 का थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index) जारी किया गया
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade – DPIIT) ने हाल ही में अप्रैल, 2021 के महीने के लिए भारत में थोक मूल्य जारी किया। अप्रैल 2021 के महीने के लिए WPI (Wholesale Price Index) 128.1 रहा। WPI की गणना के लिए आधार वर्ष 2011-12 निर्धारित किया गया है।
अप्रैल 2021 का थोक मूल्य सूचकांक
- अप्रैल 2021 के महीने के लिए मुद्रास्फीति की वार्षिक दर 49% थी।
- मुख्य रूप से कच्चे पेट्रोलियम की कीमतों में वृद्धि के कारण इस महीने में मुद्रास्फीति की दर अधिक रही, जिससे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि हुई है।इसके अलावा, कीमतों में वृद्धि विनिर्मित खाद्य पदार्थों की लागत में वृद्धि के कारण भी हुई है।
वस्तुओं के समूह
वस्तुओं के तीन प्रमुख समूह हैं जिनका उपयोग मुद्रास्फीति की दर की गणना में किया जाता है। वे प्राथमिक वस्तुएं, निर्मित उत्पाद और ईंधन व उर्जा हैं।
प्राथमिक वस्तुएं (Primary Articles)
WPI में प्राथमिक वस्तुओं का भार 22.62% है।
- इस समूह के सूचकांक में 83% की वृद्धि हुई।
- खनिजों की कीमतों में 6% की वृद्धि हुई।
- कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतों में 8% की वृद्धि हुई।
- खाद्य पदार्थों की कीमतों में 84% की वृद्धि हुई।
- गैर-खाद्य पदार्थों की कीमतों में 65% की वृद्धि हुई।
- उपरोक्त वृद्धि मार्च के महीने की तुलना में हैं।
ईंधन और उर्जा
- ईंधन और बिजली का भार 15% है।
- इस समूह के सूचकांक में 1% की कमी आई।
- कोयले की कीमतों में 32% की कमी आई।
- खनिज तेल की कीमतों में 29% की कमी आई।
- बिजली की कीमतों में 96% की कमी आई।
विनिर्मित उत्पाद (Manufactured Products)
- विनिर्मित वस्तुओं का भार 23 प्रतिशत है।
- इस समूह के सूचकांक में 65% की वृद्धि हुई।
- इस श्रेणी में वृद्धि मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, धातुओं, रसायनों, वस्त्रों, प्लास्टिक और रबर उत्पादों द्वारा योगदान की गई थी।
Originally written on
May 18, 2021
and last modified on
May 18, 2021.