वैश्विक प्लास्टिक संकट पर ‘नाइस वेक-अप कॉल’: भारत ने समर्थन नहीं किया, लेकिन विश्व समुदाय ने दिखाई प्रतिबद्धता

फ्रांस के नाइस शहर में 9-13 जून 2025 तक चल रहे तीसरे संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन (UNOC3) में 96 देशों ने “नाइस वेक-अप कॉल फॉर एन एम्बिशस प्लास्टिक्स ट्रीटी” को समर्थन दिया है। हालांकि भारत इस घोषणा पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल नहीं है, फिर भी भारत के केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक वैध रूप से बाध्यकारी वैश्विक प्लास्टिक संधि के पक्ष में बयान दिया है।

नाइस वेक-अप कॉल क्या है?

यह घोषणापत्र एक महत्वाकांक्षी वैश्विक प्लास्टिक संधि की ओर एकजुट देशों की अपील है, जो प्लास्टिक प्रदूषण के पूरे जीवन चक्र को नियंत्रित करने की आवश्यकता पर बल देता है। यह पहल दिसंबर 2024 में प्लास्टिक संधि पर सहमति न बनने के बाद आई है।
घोषणा में पाँच प्रमुख तत्व शामिल हैं:

  1. प्राथमिक प्लास्टिक पॉलिमर उत्पादन में वैश्विक स्तर पर कटौती का लक्ष्य।
  2. समस्याग्रस्त प्लास्टिक उत्पादों और रसायनों को चरणबद्ध रूप से समाप्त करना।
  3. प्लास्टिक उत्पादों की डिज़ाइन को बेहतर बनाना।
  4. “पोल्यूटर पेज़” सिद्धांत पर आधारित उचित वित्तीय साधन और क्रियान्वयन तंत्र।
  5. समय के साथ विकसित होने वाली एक प्रभावी और लचीली संधि की आवश्यकता।

भारत की स्थिति

भारत ने हाल ही में बुसान (INC-5) सम्मेलन में यह स्पष्ट किया था कि प्राथमिक पॉलिमर उत्पादन पर प्रतिबंध विकासशील देशों के विकास के अधिकार पर प्रभाव डाल सकता है। यही कारण है कि भारत जैसे कुछ देशों ने इस पहल पर हस्ताक्षर नहीं किए, भले ही वे सैद्धांतिक रूप से संधि का समर्थन करते हों।

वैश्विक समर्थन और महत्व

फ्रांस की पारिस्थितिकीय परिवर्तन मंत्री एग्नेस पानिए-रुनाशे ने कहा कि “सिर्फ रीसायक्लिंग या बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन समाधान नहीं हैं, उत्पादन में कटौती ही एकमात्र उपाय है।” इस दृष्टिकोण को 235 से अधिक नागरिक संगठनों ने भी समर्थन दिया है, जिन्होंने चेताया कि यह घोषणा “मंजिल नहीं, बल्कि शुरुआती बिंदु” मानी जानी चाहिए।
इस घोषणापत्र में विकसित और विकासशील दोनों देशों द्वारा वित्तीय तंत्र की मांग को स्पष्ट रूप से रखा गया है, जो पिछले प्रयासों में अपेक्षाकृत अस्पष्ट था। मेक्सिको की मंत्री एलिसिया बारसेना ने वैज्ञानिक मानकों पर आधारित सूचीकरण और एक वैज्ञानिक सहायक निकाय की आवश्यकता को रेखांकित किया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ‘नाइस वेक-अप कॉल’ में अब तक 96 देश शामिल हो चुके हैं और यह सूची खुली है।
  • अगला संयुक्त राष्ट्र प्लास्टिक संधि वार्ता दौर 5-14 अगस्त 2025 को जिनेवा में आयोजित होगा।
  • दिसंबर 2024 में हुए INC-5 सम्मेलन में केवल 69 देशों ने ‘High Ambition Coalition’ की संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे।
  • ‘प्लास्टिक संधि’ का उद्देश्य 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना है।

भारत द्वारा हस्ताक्षर न करना दर्शाता है कि विकास बनाम पर्यावरण की बहस अब भी केंद्र में है। हालांकि, इस प्रकार की घोषणाएं वैश्विक दबाव और राजनीतिक इच्छाशक्ति को सशक्त करती हैं, जिससे संभवतः भविष्य में एक प्रभावी और संतुलित संधि का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *