रोजगार सृजन के लिए बड़ा कदम: मोदी सरकार ने स्वीकृत की ‘रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) योजना’

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) योजना’ को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य रोजगार सृजन को बढ़ावा देना, युवाओं की रोजगार योग्यता को सशक्त करना और सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाना है, विशेष रूप से उद्योग और विनिर्माण क्षेत्र में।
यह योजना वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में घोषित पांच प्रमुख रोजगार और कौशल विकास योजनाओं के पैकेज का हिस्सा है, जिसका कुल बजट ₹2 लाख करोड़ है।

योजना की दो प्रमुख धाराएं

भाग A: प्रथम बार कार्यबल में शामिल होने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन

  • लाभार्थी: EPFO में पंजीकृत ऐसे कर्मचारी जो पहली बार औपचारिक क्षेत्र में काम शुरू कर रहे हैं।
  • प्रोत्साहन राशि: एक माह की EPF वेतन राशि (अधिकतम ₹15,000), दो किस्तों में।

    • पहली किस्त: 6 महीने की सेवा पूरी होने पर।
    • दूसरी किस्त: 12 महीने की सेवा और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूर्ण करने पर।
  • वेतन सीमा: ₹1 लाख प्रति माह तक के वेतन वाले कर्मचारी पात्र।
  • बचत प्रोत्साहन: एक भाग डिपॉजिट खाते में जमा किया जाएगा, जो भविष्य में निकाला जा सकेगा।
  • लाभार्थी संख्या: अनुमानित 1.92 करोड़ प्रथम बार कर्मचारी

भाग B: नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोजगार सृजन हेतु प्रोत्साहन

  • लक्ष्य: सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र।
  • शर्त:

    • 50 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम-से-कम 2 नए कर्मचारी नियुक्त करने होंगे।
    • 50 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम-से-कम 5 नए कर्मचारी
    • सभी नियुक्तियाँ निरंतर 6 महीने तक होनी चाहिए।
  • प्रोत्साहन राशि (प्रति कर्मचारी प्रति माह):

    • ₹10,000 तक वेतन: ₹1,000 तक
    • ₹10,001 – ₹20,000: ₹2,000
    • ₹20,001 – ₹1 लाख: ₹3,000
  • विनिर्माण क्षेत्र में प्रोत्साहन: तीसरे और चौथे वर्ष तक बढ़ाया जाएगा।
  • लाभार्थी अनुमान: लगभग 2.60 करोड़ अतिरिक्त रोजगार

भुगतान प्रणाली और पारदर्शिता

  • कर्मचारियों को भुगतान: DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से आधार-ब्रिज्ड भुगतान प्रणाली (ABPS) द्वारा।
  • नियोक्ताओं को भुगतान: PAN-लिंक्ड खाते में प्रत्यक्ष हस्तांतरण।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • योजना अवधि: 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक बनाए गए रोजगारों पर लागू।
  • कुल बजट: ₹99,446 करोड़ (केवल ELI योजना के लिए)।
  • लक्ष्य: दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन
  • ईपीएफओ पंजीकरण अनिवार्य: दोनों कर्मचारी और नियोक्ता के लिए।

ELI योजना से न केवल लाखों युवाओं को प्रथम रोजगार का अवसर, बल्कि नियोक्ताओं को औपचारिक क्षेत्र में रोजगार देने हेतु आर्थिक सहयोग मिलेगा। इसके साथ ही, यह योजना देश की कार्यबल के औपचारिकरण और सामाजिक सुरक्षा के दायरे में विस्तार की दिशा में ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।

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