राष्ट्रीय खेल नीति 2025: भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज राष्ट्रीय खेल नीति (NSP) 2025 को मंजूरी दी। यह नीति राष्ट्रीय खेल नीति 2001 का स्थान लेगी और भारत को 2036 ओलंपिक सहित अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए एक रणनीतिक खाका प्रदान करती है।
वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता
- जड़ से शिखर तक खेल कार्यक्रमों को मजबूत करने की योजना।
- प्रतिभा की पहचान और पोषण के लिए तंत्र विकसित किया जाएगा।
- प्रतिस्पर्धात्मक लीग और खेल प्रतियोगिताओं को बढ़ावा।
- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खेल अवसंरचना का विस्तार।
- खिलाड़ी समर्थन प्रणाली, कोचिंग, खेल विज्ञान और तकनीक को प्रोत्साहन।
- राष्ट्रीय खेल महासंघों की क्षमता और प्रशासन में सुधार।
आर्थिक विकास में खेल की भूमिका
- खेल पर्यटन को बढ़ावा और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों को आकर्षित करना।
- खेल उपकरण निर्माण और स्टार्टअप उद्यमिता को समर्थन।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी को CSR और PPP मॉडल के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा।
सामाजिक समावेश के लिए खेल
- महिलाओं, गरीब वर्गों, आदिवासी समुदायों और दिव्यांगजनों की भागीदारी को बढ़ावा।
- पारंपरिक खेलों का पुनर्जीवन और प्रचार।
- खेल को रोजगार विकल्प के रूप में स्थापित करने का प्रयास।
खेल को जन आंदोलन बनाना
- जन भागीदारी और फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए देशव्यापी अभियान।
- स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों के लिए फिटनेस सूचकांक।
- सभी के लिए खेल सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना।
शिक्षा के साथ एकीकरण
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार खेल को विद्यालय पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा।
- शिक्षकों और शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- नीति के छह स्तंभ: वैश्विक उत्कृष्टता, आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, जन भागीदारी, शिक्षा एकीकरण और रणनीतिक ढांचा।
- 2036 ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए नीति का निर्माण।
- NITI Aayog, NSFs, राज्यों, विशेषज्ञों और आम नागरिकों से विचार-विमर्श के बाद नीति बनी।
- राष्ट्रीय निगरानी ढांचा, KPI और समयबद्ध लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे।
- राज्यों को मॉडल नीति के रूप में इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहन।
राष्ट्रीय खेल नीति 2025, भारत को एक स्वस्थ, जागरूक और सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है, जो ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण को मजबूती देती है।