राशन की होम डिलीवरी: तमिलनाडु सरकार की वरिष्ठ नागरिकों के लिए नई पहल

तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के लाभार्थियों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक अभिनव पायलट योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत अब आवश्यक वस्तुएं सीधे लाभार्थियों के घरों तक पहुँचाई जा रही हैं — जिससे उन्हें राशन की दुकानों तक पैदल जाने की आवश्यकता नहीं रह गई है।
पहल का उद्देश्य और कार्यप्रणाली
यह पायलट योजना सोमवार को शुरू हुई और इसका उद्देश्य 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों, दिव्यांगों और असमर्थ व्यक्तियों को उनके घर पर ही राशन वितरण सुनिश्चित करना है। दक्षिण चेन्नई में 10 ट्रकों को इस कार्य के लिए नामित किया गया है, जिनमें एक दुकानदार, वजन मशीन और अंगुली स्कैन करने वाली डिवाइस (पाम रीडर) के साथ आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई जा रही हैं।
ट्रक सीधे लाभार्थियों की गलियों और कॉलोनियों में जाकर वितरण कर रहे हैं। बुधवार को वेलाचेरी निवासी 73 वर्षीय आर. राजेश्वरी और ए.एन. वल्ली जैसी वरिष्ठ महिलाओं को इसका लाभ मिला। वल्ली ने कहा, “मेरी नजदीकी दुकान दो गलियों दूर है, लेकिन यह घर पर डिलीवरी की सुविधा बेहद सहूलियतपूर्ण है।”
व्यापक क्षेत्रीय कवरेज
यह योजना केवल चेन्नई तक सीमित नहीं है। इसे कड्डालोर, रणिपेट, तिरुनेलवेली, इरोड, शिवगंगा, नागपट्टिनम, धर्मपुरी, डिंडीगुल और नीलगिरी जैसे जिलों में भी लागू किया गया है। योजना ग्रामीण, शहरी, तटीय, पहाड़ी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों को कवर कर रही है। इस पहल के तहत लगभग 5,000 लाभार्थियों तक पहुँचने का लक्ष्य है।
प्रतिक्रिया और चुनौतियाँ
इस योजना को लाभार्थियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, पर उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ता टी. सदागोपालन ने यह आलोचना की कि सरकार ने इस पहल की पूर्व घोषणा नहीं की। उन्होंने कहा, “जब अधिकारियों ने वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों का विवरण एकत्र करने के लिए घर-घर जाना शुरू किया, तो कई लोगों ने अनजान व्यक्तियों से बात करने से परहेज किया। अगर एक प्रेस विज्ञप्ति पहले जारी होती, तो यह भ्रम नहीं होता।”
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- यह पायलट योजना 10 जिलों में चल रही है और शनिवार, 5 जुलाई तक पूरी की जाएगी।
- वितरण के लिए सहकारी समितियों द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकानों से जुड़े वाहन प्रयोग किए जा रहे हैं।
- प्रत्येक वाहन में दुकानदार, वजन मापक और अंगुली स्कैन मशीन होती है, जिससे वितरण पारदर्शी रहता है।
- मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन इस योजना पर अंतिम निर्णय की घोषणा करेंगे।
यह पहल सामाजिक कल्याण और सुगमता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि सामाजिक सुरक्षा का भी विस्तार होगा। यदि यह पायलट सफल होता है, तो यह मॉडल पूरे राज्य में लागू किया जा सकता है।