मिस्र से मिली 4,500 साल पुरानी डीएनए जानकारी: प्राचीन सभ्यताओं के संपर्क का वैज्ञानिक प्रमाण

वैज्ञानिकों ने पहली बार एक प्राचीन मिस्री व्यक्ति का पूरा जीनोम अनुक्रमित किया है, जो लगभग 4,500 से 4,800 वर्ष पूर्व मिस्र के प्राचीन साम्राज्य (Old Kingdom) काल में जीवित था। यह अब तक मिस्र से प्राप्त सबसे पुराना और पूर्ण मानव डीएनए नमूना है, जिसे वैज्ञानिक पत्रिका Nature में 2 जुलाई को प्रकाशित किया गया।

प्राचीन मिस्री व्यक्ति की विशेषताएं

यह कंकाल एक वयस्क पुरुष का है, जिसकी लंबाई 157.4 से 160.5 सेमी के बीच थी और जिसकी मृत्यु 44 से 64 वर्ष की उम्र में हुई। यह अनुमान उसके दांतों के अत्यधिक घिसाव और जोड़ों में गठिया जैसे उम्र संबंधी बदलावों के आधार पर लगाया गया। डीएनए विश्लेषण से पता चला कि उस व्यक्ति की त्वचा का रंग गहरा से काला था, बाल और आंखें भूरे रंग की थीं।

जीन संबंधी निष्कर्ष

  • 78% वंश उत्तर अफ्रीकी स्रोत से: अधिकांश जीनोमिक संरचना प्राचीन उत्तरी अफ्रीकी, विशेषकर वर्तमान मोरक्को के नवपाषाण कालीन समूहों से जुड़ी है।
  • 22% वंश मेसोपोटामिया से: व्यक्ति के जीन में पूर्वी उपजाऊ अर्द्धचंद्राकार क्षेत्र — इराक, ईरान, सीरिया और तुर्की से मेल खाते डीएनए तत्व भी मिले हैं। यह दर्शाता है कि व्यापार से परे, इन क्षेत्रों के लोग मिस्र में आकर स्थानीय लोगों से सांस्कृतिक और जैविक रूप से भी जुड़े।

यह निष्कर्ष दर्शाता है कि पिरामिडों के निर्माण से भी पहले, मिस्र की आबादी अन्य प्राचीन सभ्यताओं से प्रभावित थी। विशेषकर, मेसोपोटामियन लोगों के साथ संपर्क ने कृषि, व्यापार और लेखन पद्धति जैसी संस्कृति में परिवर्तन किए।

डीएनए संरक्षण का अनोखा कारण

यह कंकाल एक बड़े मिट्टी के बर्तन में, एक चट्टान-कटी समाधि (rock-cut tomb) में पाया गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह “पॉट दफ़न” (pot burial) तकनीक, साथ ही जबड़े में दांत की जड़ से लिया गया नमूना, डीएनए के संरक्षण में मददगार रहा। मिस्र जैसे गर्म देश में इस प्रकार की संरक्षित आनुवंशिक जानकारी मिलना अत्यंत दुर्लभ है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • यह मिस्र का पहला पूर्ण प्राचीन जीनोम है जो 4,500 वर्ष पूर्व के व्यक्ति से प्राप्त हुआ है।
  • जीन में 22% हिस्सा मेसोपोटामिया क्षेत्र के किसानों से मेल खाता है, जो मिस्र और मेसोपोटामिया के गहरे ऐतिहासिक संबंध को दर्शाता है।
  • DNA की अच्छी स्थिति संभवतः पॉट दफ़न और स्थिर तापमान के कारण रही।
  • इससे पहले केवल तीन प्राचीन मिस्री डीएनए नमूने थे, वह भी सीमित जीनोटाइप डेटा के साथ और बाद की सभ्यताओं से।

यह अध्ययन न केवल प्राचीन मिस्र की जनसंख्या की उत्पत्ति को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि पुरातन सभ्यताएं केवल व्यापारिक रूप से नहीं, बल्कि जैविक और सांस्कृतिक रूप से भी गहराई से जुड़ी हुई थीं। यह खोज भविष्य के लिए प्राचीन डीएनए शोध में एक नया अध्याय खोल सकती है, विशेषकर भारत जैसे देशों के संदर्भ में, जहाँ प्राचीन डीएनए अध्ययन अभी आरंभिक अवस्था में है।

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