मई 2025 में खुदरा महंगाई छह वर्षों में सबसे निचले स्तर पर

मई 2025 में भारत की खुदरा महंगाई दर छह वर्षों में पहली बार 3 प्रतिशत से नीचे आ सकती है। इस गिरावट का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी है, हालांकि कुछ सब्जियों जैसे आलू और टमाटर की कीमतों में मामूली वृद्धि देखी गई। विशेषज्ञों के अनुसार, महंगाई में यह कमी उपभोक्ताओं के लिए राहतदायक संकेत है और आर्थिक नीति के दृष्टिकोण से भी सकारात्मक मानी जा रही है।
सब्जियों में आंशिक वृद्धि, परंतु अनाजों में राहत
डिपार्टमेंट ऑफ कंज़्यूमर अफेयर्स के अनुसार, मई 2025 में टमाटर की कीमतों में 10 प्रतिशत और आलू की कीमतों में 3 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, दूसरी ओर अनाज और दालों की कीमतों में नरमी बनी रही। बैंक ऑफ बड़ौदा के आवश्यक वस्तुओं के सूचकांक (Essential Commodities Index) में पिछले वर्ष की तुलना में 0.6 प्रतिशत की गिरावट आई, जो जनवरी 2019 के बाद पहली बार दर्ज की गई गिरावट है।
बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री दीपांविता मजूमदार के अनुसार, मई 2025 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर लगभग 2.7 प्रतिशत रहने की संभावना है। यह दर अप्रैल 2019 के बाद पहली बार 3 प्रतिशत से नीचे जाएगी, जब CPI 2.99 प्रतिशत पर थी।
कोर महंगाई में मामूली उछाल
जहां हेडलाइन महंगाई दर लगातार सातवें महीने गिर रही है, वहीं कोर महंगाई — जो खाद्य और ईंधन को छोड़कर वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में वार्षिक परिवर्तन को मापती है — लगभग 4.2 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है। यह पिछले वर्ष के मध्य में 3.1 प्रतिशत थी। नोमुरा की रिपोर्ट के अनुसार, कोर महंगाई में यह वृद्धि अस्थायी है और वैश्विक कमोडिटी कीमतों में नरमी, चीन से बढ़ते आयात, घरेलू मांग की कमजोरी और कम वेतन वृद्धि के कारण है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत में CPI आधारित खुदरा महंगाई दर अप्रैल 2025 में 3.16% पर थी।
- मई 2025 में CPI महंगाई दर 2.7% रहने की संभावना है — जो अप्रैल 2019 के बाद सबसे कम होगी।
- RBI ने 2025 में अब तक ब्याज दरों में कुल 100 बेसिस पॉइंट की कटौती की है।
- कोर महंगाई दर मई 2025 में लगभग 4.2% पर पहुंच सकती है, जो आर्थिक मांग का संकेत देती है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई पूर्वानुमान को 3.7 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही अप्रैल-जून 2025 तिमाही में CPI औसतन 2.9 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो धीरे-धीरे बढ़ते हुए अंतिम तिमाही में 4.4 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। इन सभी संकेतों के बावजूद, RBI की मौद्रिक नीति समिति ने अपनी नीति रुख को ‘उदार’ से ‘तटस्थ’ कर दिया है, जो यह दर्शाता है कि आगे चलकर ब्याज दरों में कटौती की सीमाएं सीमित हो सकती हैं।
कुल मिलाकर, मई 2025 की महंगाई दर उपभोक्ताओं और नीति निर्माताओं दोनों के लिए राहतदायक है, परंतु सब्जियों विशेषकर टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों पर नजर बनाए रखना आवश्यक होगा क्योंकि ये महंगाई के पुनः बढ़ने के संकेतक बन सकते हैं।