भारत में पोषण खपत सर्वेक्षण 2022-24: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पोषण स्तर में मामूली वृद्धि

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा अगस्त 2022 से जुलाई 2024 तक किए गए घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण (HCES) के दो दौरों के आधार पर “भारत में पोषण खपत” रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। यह रिपोर्ट भोजन खपत के आंकड़ों से कैलोरी, प्रोटीन और वसा के औसत दैनिक उपभोग का आकलन करती है। यह नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और विश्लेषकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।
पोषण स्तर में समग्र रुझान
2023-24 में भारत में औसत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन कैलोरी खपत ग्रामीण क्षेत्रों में 2212 किलो कैलोरी और शहरी क्षेत्रों में 2240 किलो कैलोरी रही। यह आंकड़े 2022-23 में क्रमशः 2233 और 2250 किलो कैलोरी थे, जिससे मामूली गिरावट देखी गई। हालांकि, निचले उपभोग वर्गों (फ्रैक्टाइल) में कैलोरी खपत में वृद्धि दर्ज की गई है, जो सामाजिक असमानताओं में कुछ कमी की ओर संकेत करता है।
मासिक उपभोग व्यय के अनुसार पोषण प्रवृत्तियाँ
रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि जैसे-जैसे मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय (MPCE) बढ़ता है, वैसे-वैसे कैलोरी खपत भी बढ़ती है। 2023-24 में सबसे निचले वर्ग (0-5%) की कैलोरी खपत 1696 किलो कैलोरी और उच्चतम वर्ग (95-100%) की 3092 किलो कैलोरी रही। यह अंतर 2022-23 की तुलना में कम हुआ है, जिससे सामाजिक-आर्थिक असमानता में थोड़ी कमी दिखाई देती है।
प्रोटीन के स्रोतों में बदलाव
- ग्रामीण भारत में: 2009-10 से 2023-24 तक अनाज से प्रोटीन की हिस्सेदारी में 14% की गिरावट आई है।
- शहरी भारत में: यह गिरावट 12% रही है।
- इस कमी की भरपाई अंडा, मांस, मछली और अन्य खाद्य पदार्थों की बढ़ती हिस्सेदारी से हुई है। दूध और दुग्ध उत्पादों की हिस्सेदारी में भी हल्की वृद्धि हुई है।
समायोजित बनाम वास्तविक पोषण खपत
रिपोर्ट में बताया गया है कि भोजन में केवल घरेलू सदस्यों द्वारा उपभोग ही नहीं, बल्कि बाहरी मेहमानों और बाहर से खरीदे गए भोजन की खपत भी दर्ज होती है। इस कारण वास्तविक पोषण खपत का सही अनुमान प्राप्त करने हेतु आंकड़ों को समायोजित किया गया है।
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2023-24 में समायोजित औसत प्रति व्यक्ति कैलोरी खपत:
- ग्रामीण: 2191 Kcal
- शहरी: 2225 Kcal
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- NSO अब तक पांच पोषण रिपोर्ट प्रकाशित कर चुका है: 1993-94, 1999-2000, 2004-05, 2009-10, और 2011-12 पर आधारित।
- 2022-24 में पहली बार दो बैक-टू-बैक HCES सर्वेक्षण हुए।
- MPCE के साथ कैलोरी और पोषण स्तर में सीधा संबंध देखने को मिला।
- ग्रामीण क्षेत्रों में प्रोटीन का प्रमुख स्रोत अब भी अनाज है (46-47%), जबकि शहरी क्षेत्रों में इसका हिस्सा 39% तक आ गया है।
यह रिपोर्ट दर्शाती है कि भारत में पोषण स्तर में समग्र रूप से स्थिरता है, लेकिन समाज के सबसे कमजोर वर्गों में सुधार के संकेत भी देखने को मिले हैं। पोषण नीति निर्माण के लिए यह रिपोर्ट अत्यंत उपयोगी है और विभिन्न क्षेत्रों में लक्षित हस्तक्षेप की आवश्यकता को रेखांकित करती है।