भारत में अंग प्रत्यारोपण का ऐतिहासिक कीर्तिमान: 2024 में 18,900 से अधिक ट्रांसप्लांट

भारत ने 2024 में अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने 2 अगस्त को जानकारी दी कि भारत में वर्ष 2024 में 18,900 से अधिक अंग प्रत्यारोपण किए गए, जो अब तक का सबसे ऊंचा वार्षिक आंकड़ा है। यह आंकड़ा 2013 में हुए 5,000 से भी कम ट्रांसप्लांट्स की तुलना में एक बड़ी छलांग है। इससे भारत, अमेरिका और चीन के बाद विश्व में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

जागरूकता और तकनीकी प्रगति का योगदान

राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) द्वारा आयोजित 15वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर नड्डा ने बताया कि भारत अब विश्व में हैंड ट्रांसप्लांट्स के मामले में अग्रणी है। यह हमारे सर्जिकल कौशल और चिकित्सा क्षेत्र की समर्पण भावना को दर्शाता है। NOTTO द्वारा 2023 में शुरू की गई आधार-आधारित ऑनलाइन प्रतिज्ञा पोर्टल के माध्यम से अब तक 3.30 लाख से अधिक नागरिकों ने अंगदान की शपथ ली है।

अंग प्रत्यारोपण की चुनौतियाँ

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि देश में अंगों की आवश्यकता और उपलब्धता के बीच बड़ा अंतर बना हुआ है। हर साल हज़ारों मरीज अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा करते हैं, लेकिन दाताओं की संख्या अपेक्षाकृत कम है। यह अंतर केवल इच्छा की कमी से नहीं, बल्कि जागरूकता की कमी, मिथकों और संकोच के कारण है।
उन्होंने कहा, “एक अंगदाता आठ लोगों की जान बचा सकता है — दिल, फेफड़े, लीवर, गुर्दे, अग्न्याशय और आंतों के प्रत्यारोपण द्वारा। इसके अतिरिक्त, ऊतक दान से अनगिनत जीवनों को सुधारा जा सकता है।”

सरकार की पहल और वित्तीय सहायता

नड्डा ने बताया कि अंग प्रत्यारोपण को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं:

  • राष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत गरीब मरीजों को किडनी, लीवर, हार्ट और लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए ₹15 लाख तक की सहायता दी जाती है।
  • ट्रांसप्लांट के बाद ₹10,000 प्रति माह की सहायता दी जाती है।
  • आयुष्मान भारत योजना में किडनी ट्रांसप्लांट पैकेज शामिल किया गया है।

इसके अलावा, सभी राज्यों और चिकित्सा संस्थानों को प्रत्यारोपण समन्वयकों के लिए स्थायी पद सृजित करने के निर्देश दिए गए हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत अंग प्रत्यारोपण की संख्या में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है।
  • 2024 में 18,900 से अधिक ट्रांसप्लांट्स किए गए — अब तक का सबसे ऊंचा वार्षिक रिकॉर्ड।
  • हैंड ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में भारत वैश्विक अग्रणी बन चुका है।
  • अब तक 3.30 लाख नागरिकों ने अंगदान की शपथ ली है NOTTO पोर्टल पर।

भारत की यह उपलब्धि न केवल चिकित्सा क्षेत्र में प्रगति का प्रतीक है, बल्कि समाज में बढ़ती जागरूकता और सेवा भावना को भी दर्शाती है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि योग और आयुर्वेद के माध्यम से अंगों को स्वस्थ रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। अंगदान को प्रोत्साहन देने के लिए समाज में संवाद, शिक्षा और संवेदनशीलता की निरंतर आवश्यकता है।

 

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