दिल्ली में महक उठा मेघालय: तीसरा ‘अनानास महोत्सव’ राष्ट्रीय मंच पर राज्य की कृषि सफलता

नई दिल्ली के दिल्ली हाट में शुक्रवार को तीसरे ‘मेघालय अनानास महोत्सव’ का भव्य उद्घाटन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य राज्य की जैविक कृषि उपलब्धियों और किसानों की मेहनत को राष्ट्रीय पटल पर लाना है। इस तीन दिवसीय आयोजन में मेघालय की विशिष्ट कृषि उपज, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और बाजार आधारित साझेदारियों का संगम देखने को मिला।
उद्घाटन और प्रमुख घोषणाएँ
केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस उत्सव का उद्घाटन किया, जिसमें मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और केंद्र एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर मेघालय सरकार ने रिलायंस फ्रेश, अमेज़न करिगर और ब्लू टोकाई कॉफी रोस्टर्स के साथ तीन महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते राज्य के कृषि उत्पादों की खरीद, वितरण और ब्रांडिंग को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देंगे।
मेघालय की मिठास और सुगंध
अपने भाषण में केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आज दिल्ली की हवा मेघालय की सुगंध से भर गई है। मैंने इससे पहले कभी इतने मीठे और रसीले अनानास नहीं खाए। यह स्वाद मेघालय की मिट्टी की मिठास है।” उन्होंने मेघालय सरकार के प्रयासों की सराहना की और भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार हमेशा मेघालय के साथ खड़ी रहेगी।
कृषि विकास और Vision@2032
मुख्यमंत्री संगमा ने जानकारी दी कि मेघालय हर साल लगभग 1.5 लाख मीट्रिक टन अनानास का उत्पादन करता है। उन्होंने Vision@2032 के तहत राज्य को 16 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की योजना साझा की, जिसमें खेती की आधारभूत संरचना, विविध फसलें, प्रसंस्करण और लॉजिस्टिक्स को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य के 55 ब्लॉकों में मूल्यवर्धन इकाइयाँ स्थापित करने का लक्ष्य है, जिससे किसानों को अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुरूप अवसर मिलेंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- मेघालय हर वर्ष 1.5 लाख मीट्रिक टन से अधिक अनानास का उत्पादन करता है।
- 2024 में राज्य ने 682 मीट्रिक टन प्रोसेस्ड अनानास यूरोप, खाड़ी देशों और दक्षिण-पूर्व एशिया को निर्यात किया।
- राज्य ने पिछले तीन वर्षों में 27 कोल्ड स्टोरेज और 8 प्रसंस्करण केंद्र विकसित किए हैं।
- इस महोत्सव में गारो, खासी और जयंतिया हिल्स के कलाकार ‘सीएम-मेघालय ग्रासरूट्स म्यूज़िक प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दे रहे हैं।
तीसरे मेघालय अनानास महोत्सव ने यह साबित कर दिया कि पूर्वोत्तर भारत की कृषि क्षमताएँ किसी से कम नहीं हैं। यह न केवल राज्य की उपज को एक राष्ट्रीय पहचान देता है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भरता और बाजार से सीधा जुड़ाव भी प्रदान करता है। यह आयोजन कृषि, संस्कृति और नवाचार का आदर्श संगम बनकर उभरा है।