दलाई लामा संस्थान का भविष्य: गदेन फोड्रंग ट्रस्ट की भूमिका

हाल ही में 14वें दलाई लामा ने यह स्पष्ट किया है कि “दलाई लामा का संस्थान जारी रहेगा” और इसके भविष्य की पुनर्जन्म प्रक्रिया की मान्यता का संपूर्ण अधिकार केवल “गदेन फोड्रंग ट्रस्ट” को होगा। यह घोषणा उनके 90वें जन्मदिवस से चार दिन पहले की गई, जो न केवल धार्मिक महत्व की है बल्कि तिब्बती बौद्ध परंपरा की निरंतरता की पुष्टि भी करती है।
गदेन फोड्रंग का अर्थ और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
गदेन फोड्रंग शब्द, ल्हासा स्थित डेप्रुंग मठ के वे आवासीय कक्ष हैं जहाँ दूसरे दलाई लामा से लेकर आगे की पीढ़ियों तक निवास करते थे। बाद में, पाँचवें दलाई लामा ने पोटाला पैलेस का निर्माण करवाया और दलाई लामा का मुख्य निवास स्थान वहां स्थानांतरित हुआ। गर्मियों में वे नोरबुलिंका नामक स्थान पर रहते थे, जो सातवें दलाई लामा द्वारा बनवाया गया था। यह व्यवस्था 1959 तक बनी रही, जब 14वें दलाई लामा को तिब्बत से भारत में पलायन करना पड़ा।
गदेन फोड्रंग ट्रस्ट की स्थापना और उद्देश्य
गदेन फोड्रंग ट्रस्ट वर्ष 2011 में धर्मशाला में एक पंजीकृत संस्था के रूप में स्थापित किया गया। इसका मुख्य कार्य दलाई लामा की भविष्य की पुनर्जन्म प्रक्रिया को सुनिश्चित करना और उसे मान्यता देना है। यह ट्रस्ट, दलाई लामा के कार्यालय से संचालित होता है और इसके प्रमुख सदस्य प्रोफेसर समधोंग रिनपोछे हैं, जो तिब्बती प्रशासन के पूर्व कालोन त्रिपा और दलाई लामा के निकट सहयोगी हैं। स्वयं दलाई लामा इस ट्रस्ट के प्रमुख हैं।
अन्य संबंधित संस्थान: दलाई लामा ट्रस्ट और गदेन फोड्रंग फाउंडेशन
गदेन फोड्रंग ट्रस्ट के अलावा, दो अन्य संस्थाएँ भी दलाई लामा से संबंधित हैं:
- दलाई लामा ट्रस्ट (2009): नई दिल्ली स्थित यह ट्रस्ट शिक्षा, तिब्बती संस्कृति और मानवीय मूल्यों के प्रचार हेतु कार्य करता है। यह छात्रों, शिक्षकों, और नैतिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाले कार्यक्रमों को समर्थन देता है।
- गदेन फोड्रंग फाउंडेशन (स्विट्जरलैंड): ज़्यूरिख में पंजीकृत यह संस्था पर्यावरण संरक्षण, धर्मों के बीच संवाद, मानव मूल्यों और वैज्ञानिक-बौद्धिक समन्वय को बढ़ावा देती है। यह तिब्बती संस्कृति और जनकल्याण पर केंद्रित रहती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- गदेन फोड्रंग ट्रस्ट को दलाई लामा की पुनर्जन्म प्रक्रिया में एकमात्र वैध संस्था माना गया है।
- दलाई लामा ट्रस्ट और गदेन फोड्रंग फाउंडेशन, दोनों अलग-अलग कार्यक्षेत्रों में धर्म, शिक्षा और वैश्विक शांति पर केंद्रित हैं।
- वर्तमान (14वें) दलाई लामा ने पहले ही 2011 में यह संकेत दे दिया था कि अगला दलाई लामा यदि चुना गया तो गदेन फोड्रंग ट्रस्ट द्वारा ही मान्यता प्राप्त करेगा।
- दलाई लामा का मुख्यालय भारत के हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित है।
इस हालिया घोषणा से यह स्पष्ट है कि दलाई लामा की परंपरा और इसकी आध्यात्मिक धारा को संरक्षित रखने हेतु संगठित प्रयास जारी रहेंगे। गदेन फोड्रंग ट्रस्ट को पुनर्जन्म की मान्यता की प्रक्रिया का एकमात्र आधिकारिक निकाय घोषित करना तिब्बती समुदाय की आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।