कोयला मंत्रालय की नई डिजिटल पहल: सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम पर ‘एक्सप्लोरेशन मॉड्यूल’ का शुभारंभ

भारत सरकार के कोयला मंत्रालय ने डिजिटल क्रांति की दिशा में एक और अहम कदम उठाते हुए ‘सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम’ (SWCS) पोर्टल पर ‘एक्सप्लोरेशन मॉड्यूल’ लॉन्च करने की घोषणा की है। यह मॉड्यूल 4 जुलाई 2025 को केंद्रीय कोयला मंत्री द्वारा उद्घाटित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य कोयला अन्वेषण की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाना है, जिससे पारदर्शिता, दक्षता और समयबद्ध स्वीकृति सुनिश्चित हो सके।
अन्वेषण प्रक्रिया की पूर्ण डिजिटल व्यवस्था
‘एक्सप्लोरेशन मॉड्यूल’ के माध्यम से कोयला ब्लॉक के आवंटित धारक ऑनलाइन अन्वेषण प्रस्ताव जमा कर सकेंगे। इसमें योजना की वेटिंग, प्रगति रिपोर्ट, भूगर्भीय रिपोर्ट की स्वीकृति, टिप्पणियाँ, अनुपालन और अंतिम स्वीकृति — सब एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर डिजिटल रूप में संपन्न होगा। यह मॉड्यूल Central Mine Planning and Design Institute Limited (CMPDIL) द्वारा विकसित किया गया है और यह संपूर्ण प्रणाली को सटीक समयसीमा के भीतर पारदर्शी बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
दक्षता, पारदर्शिता और समय की बचत
यह मॉड्यूल रियल-टाइम ट्रैकिंग, स्वचालित दस्तावेज़ प्रबंधन और एकीकृत डैशबोर्ड जैसी सुविधाओं से युक्त है। इसके माध्यम से अन्वेषण प्रस्तावों की स्वीकृति प्रक्रिया में लगने वाला समय आधे से भी कम हो जाएगा। साथ ही, यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- SWCS (Single Window Clearance System) की शुरुआत 11 जनवरी 2021 को हुई थी, जिसका उद्देश्य कोयला खनन से संबंधित सभी अनुमतियों को एक ही पोर्टल पर उपलब्ध कराना है।
- एक्सप्लोरेशन मॉड्यूल कोयला अन्वेषण की संपूर्ण प्रक्रिया को डिजिटली समेटने वाला पहला मॉड्यूल है, जो सिंगल विंडो पोर्टल से सीधे जुड़ा है।
- माइनिंग प्लान मॉड्यूल 2021 में शुरू हुआ और इसके ज़रिए 126 प्रस्तावों में से 108 को पहले ही प्रक्रिया में लाया जा चुका है।
- माइन ओपनिंग परमिशन (MOP) मॉड्यूल नवंबर 2024 में लॉन्च किया गया, जिससे 27 प्रस्ताव प्राप्त हुए और इनमें से 19 को स्वीकृति दी जा चुकी है।
- PARIVESH 2.0 और NSWS जैसे राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफार्मों से SWCS का समन्वय किया गया है, जिससे पर्यावरण, वन और वन्यजीव स्वीकृतियों की प्रक्रिया तेज़ और समेकित हुई है।
इस मॉड्यूल के शुभारंभ के साथ ही कोयला मंत्रालय की डिजिटल पारदर्शिता, जवाबदेही और कार्यक्षमता की दिशा में प्रतिबद्धता और मजबूत हुई है। सभी हितधारकों से अपील की गई है कि वे इन ऑनलाइन मॉड्यूलों का पूर्ण उपयोग करें और अपने सुझावों से प्रणाली को और बेहतर बनाने में योगदान दें।
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण को मूर्त रूप देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।