आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम: ICGS ‘Adamya’ का कमीशनिंग

आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम: ICGS ‘Adamya’ का कमीशनिंग

भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) ने अपनी समुद्री सुरक्षा क्षमता को और सशक्त करते हुए ‘Adamya’ नामक नवीनतम फास्ट पेट्रोल वेसल (FPV) को 19 सितंबर, 2025 को ओडिशा के पारादीप बंदरगाह पर कमीशन किया। यह पोत ‘Adamya-class’ की आठ श्रृंखलाओं में से पहला है और इसे पूरी तरह से स्वदेशी रूप से गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा डिज़ाइन और निर्मित किया गया है। यह आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

‘Adamya’ की विशेषताएं और तकनीकी क्षमता

ICGS Adamya की लंबाई 51 मीटर है और इसका कुल वजन लगभग 320 टन है। यह पोत दो 3000 किलोवाट डीजल इंजनों द्वारा संचालित होता है, जिससे यह अधिकतम 28 नॉट्स (लगभग 52 किमी/घंटा) की गति प्राप्त कर सकता है। इसकी अधिकतम दूरी क्षमता (एंड्यूरेंस) 1500 नॉटिकल मील है, जो इसे लम्बे गश्त अभियानों के लिए सक्षम बनाती है।
यह पोत भारत में विकसित दो कंट्रोलेबल पिच प्रोपेलर और गियरबॉक्स से लैस है, जिससे इसे समुद्र में बेहतर गतिशीलता और संचालन में लचीलापन प्राप्त होता है। इसके अलावा, जहाज में 30 मिमी CRN 91 गन और दो 12.7 मिमी की स्टेबलाइज्ड रिमोट कंट्रोल मशीन गन भी तैनात की गई हैं, जिन्हें फायर कंट्रोल सिस्टम द्वारा संचालित किया जाता है।

संचालन और तैनाती

ICGS Adamya को पारादीप, ओडिशा में तैनात किया गया है और यह कमांडर, ICG रीजन (नॉर्थ ईस्ट) के अधीन संचालन करेगा। इसमें पांच अधिकारी और 34 अन्य कर्मी तैनात होंगे। यह पोत समुद्री क्षेत्रों की निगरानी, समुद्री कानून प्रवर्तन, पर्यावरण सुरक्षा, और आपदा प्रबंधन जैसे कार्यों के लिए तैनात रहेगा।
‘Adamya’ का अर्थ है ‘अदम्य’, जो भारतीय तटरक्षक बल की इच्छाशक्ति और राष्ट्र के समुद्री हितों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पोत स्वच्छ, सुरक्षित और संरक्षित समुद्रों की दिशा में ICG के प्रयासों का प्रतीक है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ICGS Adamya ‘Adamya-class’ की आठ तेज गश्ती नौकाओं में से पहला पोत है।
  • यह पोत 60% से अधिक स्वदेशी तकनीक और सामग्री से निर्मित है।
  • यह भारतीय नौसेना का पहला पोत है जिसमें देश में विकसित कंट्रोलेबल पिच प्रोपेलर और गियरबॉक्स लगाए गए हैं।
  • इसकी तैनाती पारादीप, ओडिशा में की गई है और यह पूर्वी समुद्री क्षेत्र की निगरानी में सहायक होगा।
Originally written on September 22, 2025 and last modified on September 22, 2025.

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