अहमदाबाद में टेकऑफ़ के तुरंत बाद एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त, 242 सवार थे

गुरुवार, 12 जून की दोपहर को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरते ही एयर इंडिया की लंदन-गंतव्य वाली फ्लाइट AI171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें दो पायलट और चालक दल के सदस्य भी शामिल थे। यह हादसा रनवे 23 से दोपहर 1:39 बजे उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद हुआ, जब विमान मात्र 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा और एक रिहायशी इलाके में गिर पड़ा।

विमान और दुर्घटना की प्रारंभिक जानकारी

दुर्घटनाग्रस्त विमान एक Boeing 787-8 Dreamliner था, जिसे आधुनिक और ईंधन-कुशल विमानों में से एक माना जाता है। यह पहली बार है जब किसी Boeing 787 विमान की भारत में घातक दुर्घटना हुई है। टेकऑफ़ के तुरंत बाद पायलट ने “मेडे कॉल” जारी किया, लेकिन विमान गिरने से नहीं बच सका।
Boeing ने बयान जारी कर कहा है कि वह प्रारंभिक रिपोर्टों से अवगत है और अधिक जानकारी जुटाने में जुटा है।

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर: विशेषताएँ और चुनौतियाँ

  • यह एक वाइड-बॉडी विमान है, जिसे लंबी दूरी की यात्रा के लिए डिजाइन किया गया है।
  • इसका ढांचा कार्बन फाइबर कंपोज़िट से बना होता है, जो इसे पारंपरिक एल्यूमिनियम से बने विमानों की तुलना में हल्का बनाता है।
  • यह अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में 25% कम ईंधन खर्च करता है।
  • इसमें बड़े खिड़कियां, बेहतर केबिन ह्यूमिडिटी और कम दबाव प्रणाली होती है, जिससे यात्रियों को अधिक आरामदायक अनुभव मिलता है।

AI171 फ्लाइट 787-8 वेरिएंट थी, जो 248 यात्रियों तक को ले जा सकती है और 13,530 किमी की दूरी तय कर सकती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • Boeing 787 को 2007 में पेश किया गया और पहली व्यावसायिक उड़ान 2012 में हुई।
  • भारत में 2013 में बैटरियों से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं के कारण पूरी ड्रीमलाइनर फ्लीट को कुछ समय के लिए ग्राउंड किया गया था।
  • अमेरिकी FAA ने 2024 में Boeing 787 के निर्माण की गुणवत्ता की दोबारा जाँच के आदेश दिए थे।
  • मार्च 2024 में एक LATAM 787 विमान ने उड़ान के दौरान अचानक संतुलन खो दिया था।

सुरक्षा चिंताएं और पिछली घटनाएं

Boeing 787 को लेकर समय-समय पर कई सुरक्षा चिंताएं उठाई गई हैं। 2024 में दो व्हिसलब्लोअर्स ने ड्रीमलाइनर की निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठाए। एक इंजीनियर ने आरोप लगाया था कि फ्यूज़लाज के सेक्शन को ठीक से नहीं जोड़ा गया है, जिससे विमान लंबे समय बाद टूट सकता है। हालांकि, Boeing ने इन आरोपों को खारिज किया।
इसके अलावा, Boeing 737 Max की दो घातक दुर्घटनाओं (2018 और 2019) के बाद से कंपनी के विमानों की विश्वसनीयता पर लगातार सवाल उठते रहे हैं।
यह हादसा भारत में हवाई सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है और विस्तृत जांच के बाद ही दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता चल पाएगा। इस घटना ने एक बार फिर विमान निर्माण और निरीक्षण प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और सुरक्षा मानकों की आवश्यकता पर बल दिया है।

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