TPCR-2025: भारत की परमाणु और ड्रोन रणनीति को नई दिशा देने वाला रक्षा खाका

भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी “Technology Perspective and Capability Roadmap (TPCR)-2025” दस्तावेज़ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश अब उन्नत परमाणु प्रतिरोधक क्षमता, ड्रोन युद्ध और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसी भविष्य की रक्षा चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार हो रहा है। यह 15 वर्षीय रोडमैप न केवल भारत की सैन्य शक्ति को आधुनिक बनाएगा, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम भी सिद्ध होगा।

परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती

TPCR-2025 दस्तावेज़ के अनुसार भारत की परमाणु प्रतिरोधक नीति अब केवल पारंपरिक निवारण तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अब इसमें शामिल किए जा रहे हैं:

  • परमाणु कमांड और कंट्रोल अवसंरचना
  • विकिरण पहचान उपकरण और मोबाइल डी-कंटैमिनेशन यूनिट्स
  • CBRN (रासायनिक, जैविक, विकिरणीय और परमाणु) अन्वेषण के लिए मानवरहित जमीनी वाहन (UGVs)

ये सभी उपाय यह सुनिश्चित करेंगे कि भारत किसी भी संभावित परमाणु या जैविक खतरे का सामना कर सके और संकट की स्थिति में त्वरित कार्रवाई कर सके।

ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में नई क्षमताएँ

TPCR-2025 में भारतीय सेना के लिए लंबी दूरी वाले और ऊँचाई पर उड़ने में सक्षम स्टील्थ ड्रोन की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है। इनमें शामिल हैं:

  • 1,500 किमी तक की रेंज और 60,000 फीट ऊँचाई पर उड़ने वाले ड्रोन
  • इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और NBC डिटेक्शन क्षमता से युक्त
  • तोपों की मार्गदर्शन प्रणाली में भी सहायक

इसके अतिरिक्त, दस्तावेज़ में “Loitering Munition” (मंडराते हथियार) की भी चर्चा है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित टारगेटिंग और पुनः प्रयोज्य वॉरहेड्स से सुसज्जित होंगे।

ड्रोन झुंड का मुकाबला: स्वदेशी उपाय

TPCR-2025 में एक बड़ी चुनौती के रूप में दुश्मन के ड्रोन झुंडों को चिह्नित किया गया है, और इनसे निपटने के लिए:

  • 15 किमी दायरे वाले इलेक्ट्रॉनिक डिनायल बबल्स
  • एडेप्टिव जैमिंग सिस्टम्स

की योजना बनाई गई है। यह इलेक्ट्रॉनिक युद्ध की बढ़ती भूमिका को उजागर करता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • TPCR-2025 एक 15 वर्षीय रणनीतिक दस्तावेज़ है जो भारत की तीनों सेनाओं (थल, जल, वायु) की भविष्य की आवश्यकताओं को चिन्हित करता है।
  • यह दस्तावेज़ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित किया गया है।
  • उद्देश्य: स्वदेशी रक्षा निर्माण, उद्योग-शोध संस्थानों को मार्गदर्शन, और भविष्य की बहु-आयामी युद्ध चुनौतियों के लिए तैयारी
  • इसमें 500 से अधिक हाइपरसोनिक मिसाइलों, नवीन विमानवाहक पोतों, डायरेक्टेड एनर्जी हथियारों, और AI आधारित साइबर टूल्स का समावेश है।

TPCR-2025 न केवल भारत की रक्षा रणनीति को भविष्यगामी बना रहा है, बल्कि यह देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में रणनीतिक स्थिति को भी सशक्त बना रहा है। यह रोडमैप दर्शाता है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया देने वाला देश नहीं, बल्कि संभावित खतरों का पूर्वानुमान लगाकर उन्हें टालने की दिशा में सक्रिय रूप से अग्रसर है।

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