DGCA की हवाई सुरक्षा ऑडिट में चौंकाने वाले खुलासे: विमानों की सुरक्षा और रखरखाव में गंभीर लापरवाही

DGCA की हवाई सुरक्षा ऑडिट में चौंकाने वाले खुलासे: विमानों की सुरक्षा और रखरखाव में गंभीर लापरवाही

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) द्वारा हाल ही में दिल्ली, मुंबई सहित देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर किए गए व्यापक निरीक्षण में हवाई सुरक्षा से जुड़ी कई चिंताजनक खामियाँ सामने आई हैं। विमान रखरखाव में लापरवाही से लेकर रनवे पर चेतावनी चिह्नों के मिटने तक, ये निष्कर्ष भारतीय विमानन प्रणाली में सुरक्षा संस्कृति को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।

DGCA की विशेष निगरानी की पृष्ठभूमि

यह निगरानी DGCA द्वारा 19 जून को जारी एक विशेष निरीक्षण ढांचे के तहत की गई, जिसे एक सप्ताह पहले अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के बाद लागू किया गया था। उस दुर्घटना में एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान के क्रैश में 242 में से 241 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी।
इस हादसे के बाद DGCA ने रात और तड़के सुबह के समय दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों पर दो टीमों के नेतृत्व में उड़ान संचालन, एयरवर्दिनेस, रैम्प सुरक्षा, एटीसी, संचार और नेविगेशन सिस्टम की व्यापक जांच शुरू की।

विमान और रखरखाव में मिली खामियाँ

DGCA के निरीक्षण में निम्नलिखित प्रमुख खामियाँ दर्ज की गईं:

  • विमानों में पहले से रिपोर्ट की गई खामियाँ बार-बार सामने आईं, जिससे यह साबित हुआ कि निगरानी और सुधार कार्य प्रभावी नहीं हैं।
  • विमान रखरखाव के दौरान आवश्यक सुरक्षा सावधानियाँ नहीं अपनाई गईं और कार्य आदेशों का पालन नहीं हुआ।
  • कुछ विमानों में थ्रस्ट रिवर्सर और फ्लैप-स्लैट लीवर जैसे अहम सिस्टम खराब पाए गए लेकिन उन्हें लॉक नहीं किया गया था।
  • तकनीकी लॉगबुक में विमान प्रणाली द्वारा उत्पन्न दोषों को दर्ज नहीं किया गया।
  • जीवन रक्षक जैकेट (लाइफ वेस्ट) अपने निर्धारित स्थानों पर सुरक्षित नहीं पाए गए।
  • एक विमान में विंगलेट पर जंग रोधी टेप फटा हुआ पाया गया।

एक मामले में, विमान के पहियों के अत्यधिक घिसे होने के कारण उड़ान को रोका गया और केवल मरम्मत के बाद उड़ान की अनुमति दी गई।

हवाई अड्डों पर पाई गई असंगतियाँ

  • एक हवाई अड्डे पर रनवे की केंद्र रेखा (centre line marking) धुंधली पाई गई।
  • रैपिड एग्जिट टैक्सीवे की लाइटें एक दिशा में केंद्रित नहीं थीं।
  • एयरड्रोम के चारों ओर हाल में हुए निर्माण कार्यों के बावजूद पिछले तीन वर्षों से कोई सर्वेक्षण नहीं हुआ।
  • रैम्प क्षेत्र में कई वाहन बिना स्पीड गवर्नर के पाए गए।
  • एक विमान सिम्युलेटर का सॉफ्टवेयर न तो नवीनतम संस्करण था और न ही वह विमान के कॉन्फ़िगरेशन से मेल खा रहा था।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • DGCA भारत का नागरिक विमानन सुरक्षा नियामक है, जिसकी स्थापना 1929 में हुई थी।
  • एयर इंडिया का बोइंग 787-8, ड्रीमलाइनर श्रेणी का विमान है जो लंबी दूरी की उड़ानों के लिए उपयोग किया जाता है।
  • ‘एयरक्राफ्ट मेंटनेंस मैनुअल’ (AMM) विमान रखरखाव की बाइबिल मानी जाती है, जिसका पालन अनिवार्य होता है।
  • ‘Ramp Safety’ हवाई अड्डे के रनवे और टैक्सीवे क्षेत्र में जमीनी संचालन की सुरक्षा से संबंधित होती है।

DGCA ने सभी खामियों की जानकारी संबंधित ऑपरेटरों को भेज दी है और उनसे 7 दिनों के भीतर सुधारात्मक कार्रवाई की मांग की है। यह विशेष निगरानी भविष्य में भी जारी रहेगी ताकि विमानन क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से संभावित खतरे समय रहते पकड़े जा सकें। यह कदम भारत की उभरती हुई विमानन व्यवस्था को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

Originally written on June 26, 2025 and last modified on June 26, 2025.

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