ASEAN-GCC-चीन त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन: वैश्विक अनिश्चितता के दौर में क्षेत्रीय सहयोग को मजबूती

मंगलवार, 27 मई 2025 को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (ASEAN), खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) और चीन के बीच ऐतिहासिक त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आर्थिक सहयोग को मजबूत करना, क्षेत्रीय लचीलापन बढ़ाना और वैश्विक अस्थिरता के बीच संयुक्त रणनीतियों को विकसित करना था।
ASEAN-GCC साझेदारी का बढ़ता महत्व
मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने उद्घाटन भाषण में कहा कि वर्तमान वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनज़र ASEAN और GCC के बीच सहयोग पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने इस साझेदारी को क्षेत्रीय समृद्धि और स्थिरता के लिए एक “कुंजी” करार दिया।
GCC—जिसमें बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं—2023 में ASEAN का सातवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था, और दोनों के बीच व्यापार $130.7 बिलियन तक पहुंच गया।
चीन की भूमिका और बढ़ता प्रभाव
शिखर सम्मेलन में चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग की भागीदारी ने इस त्रिपक्षीय मंच को विशेष महत्व दिया। चीन लगातार दक्षिण-पूर्व एशिया में अपनी भूमिका को मजबूत कर रहा है, विशेष रूप से उस समय जब अमेरिका के साथ व्यापार तनाव और शुल्कों की घोषणा ने क्षेत्रीय देशों को परेशान किया है।
अमेरिका-ASEAN संबंधों में तनाव
हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित भारी टैरिफ ने ASEAN के छह देशों को गंभीर रूप से प्रभावित किया, जिन पर 32% से 49% तक शुल्क लगाए गए। अप्रैल में इन टैरिफ पर 90-दिन की अस्थायी रोक लगाई गई, लेकिन क्षेत्रीय चिंता बनी हुई है। प्रधानमंत्री अनवर ने इस मुद्दे पर ट्रंप के साथ एक विशेष ASEAN बैठक की मांग की है।
रणनीतिक संतुलन और भविष्य की चुनौतियाँ
ASEAN विशेषज्ञ कॉलिन्स चोंग यू कीट के अनुसार, ASEAN का चीन की ओर बढ़ता झुकाव और अमेरिकी रक्षा सहयोग पर निर्भरता, क्षेत्रीय संतुलन को चुनौतीपूर्ण बना रहा है। उनका मानना है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो अमेरिका इस क्षेत्र से दूरी बना सकता है, जिससे चीन को और अधिक प्रभाव जमाने का अवसर मिलेगा।
दक्षिण चीन सागर विवाद और ASEAN की भूमिका
ASEAN के कुछ सदस्य देश जैसे वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रुनेई दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों से असहमत हैं। इसके बावजूद, ASEAN ने अब तक तटस्थता की नीति बनाए रखी है और दोनों वैश्विक शक्तियों—अमेरिका और चीन—के साथ संबंधों को संतुलित रखने की कोशिश की है।