2023 में सड़क हादसों में 1.73 लाख मौतें: गति और लापरवाही बनी प्रमुख वजह

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं ने गंभीर चिंता का विषय उत्पन्न किया है। देश भर में 4.64 लाख से अधिक सड़क हादसों में 1.73 लाख से अधिक लोगों की जान गई और 4.47 लाख लोग घायल हुए। सबसे चिंताजनक बात यह रही कि मृतकों में लगभग 46% दुपहिया वाहन सवार थे।
सड़क दुर्घटनाओं की भयावह स्थिति
2023 में कुल 4,64,029 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जो 2022 की तुलना में 17,261 अधिक थे। इन दुर्घटनाओं में मृत्यु दर में भी 1.6% की वृद्धि हुई, जहाँ 2022 में 1,71,100 मौतें हुई थीं, वहीं 2023 में यह आंकड़ा 1,73,826 पर पहुँच गया।
दिन के समय के हिसाब से, सबसे अधिक दुर्घटनाएँ शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच (20.7%) दर्ज की गईं, जो बढ़ते ट्रैफिक और अंधेरे की शुरुआत को एक खतरनाक संयोजन के रूप में दर्शाता है।
दुपहिया वाहन सवार सबसे अधिक प्रभावित
दुपहिया वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं में सर्वाधिक मौतें (79,533) दर्ज की गईं, जो कुल मृतकों का 45.8% है। इसके बाद पैदल यात्री (27,586 मौतें, 15.9%) और SUV/कार/जीप से जुड़े हादसे (24,776 मौतें, 14.3%) रहे। राज्यवार आंकड़ों में तमिलनाडु (11,490 मौतें) और उत्तर प्रदेश (8,370 मौतें) दुपहिया हादसों में सबसे आगे रहे।
SUV/कार/जीप से जुड़ी अधिकतर मौतें उत्तर प्रदेश में दर्ज की गईं, जो इस श्रेणी की कुल मौतों का 19.2% थी। इसी प्रकार ट्रक/लॉरी/मिनी ट्रक दुर्घटनाओं से हुई कुल मौतों में 29.9% अकेले उत्तर प्रदेश में हुईं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत में हर दिन औसतन 477 लोगों की मृत्यु सड़क हादसों में होती है (2023 के आँकड़ों के अनुसार)।
- गति से संबंधित दुर्घटनाओं में 1,01,841 लोगों की मौत हुई, जो कुल मौतों का 58.6% है।
- खतरनाक या लापरवाह ड्राइविंग से 41,035 (23.6%) मौतें हुईं।
- राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे अधिक (34.6%) और राज्य राजमार्गों पर 23.4% सड़क दुर्घटना मौतें दर्ज की गईं।
- शराब/नशे की हालत में ड्राइविंग, खराब मौसम और जानवरों के सड़क पार करने से 4,952 मौतें हुईं।