हाथी संरक्षण पर केंद्र सरकार का विशेष ध्यान: ‘प्रोजेक्ट एलीफेंट’ की समीक्षा बैठक में अहम फैसले

हाथी संरक्षण पर केंद्र सरकार का विशेष ध्यान: ‘प्रोजेक्ट एलीफेंट’ की समीक्षा बैठक में अहम फैसले

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में देहरादून में ‘प्रोजेक्ट एलीफेंट’ की 21वीं संचालन समिति की बैठक में हाथियों के संरक्षण और मानव-हाथी संघर्ष को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में पूर्वोत्तर भारत में हाथियों की जनसंख्या के समन्वित अनुमान के पहले चरण की सफल पूर्णता, रेलवे हादसों में हाथी मृत्यु की रोकथाम के लिए किए गए प्रयासों और प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम में भालू और घड़ियाल को शामिल करने जैसी बातें प्रमुख रहीं।

पूर्वोत्तर में हाथियों की जनसंख्या का अनुमान

बैठक में बताया गया कि पूर्वोत्तर राज्यों में हाथियों की जनसंख्या अनुमान के पहले चरण में 16,500 से अधिक हाथी मल के नमूने एकत्र किए गए हैं। यह प्रक्रिया समन्वित गणना पद्धति पर आधारित है, जिसका उद्देश्य अधिक सटीक आंकड़े एकत्र करना है। भारत में पिछली बार हाथी जनगणना वर्ष 2017 में हुई थी, जिसमें देश में लगभग 29,964 हाथियों की उपस्थिति दर्ज की गई थी। हालांकि, 2022-23 में तैयार की गई अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार, हाथियों की संख्या में लगभग 20% की गिरावट पाई गई थी।

रेलवे दुर्घटनाओं से हाथी मौतों पर रोकथाम

रेलवे लाइन से टकराकर हाथियों की मौत एक बड़ी समस्या है। 2019-20 से 2023-24 के बीच कुल 73 हाथियों की मौत ट्रेन दुर्घटनाओं में हुई। इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने 3,452.4 किमी संवेदनशील रेलवे पटरियों का सर्वेक्षण कर 77 उच्च-जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान की है। इन क्षेत्रों में शमन उपाय लागू करने की योजना है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ‘प्रोजेक्ट एलीफेंट’ की शुरुआत 1992 में की गई थी। यह केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है।
  • हाथी भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु है और IUCN की रेड लिस्ट में ‘endangered’ श्रेणी में आता है।
  • सरकार द्वारा अब तक 1,911 पालतू हाथियों का डीएनए प्रोफाइल तैयार किया जा चुका है।
  • संचालन समिति ने स्लॉथ बियर (भालू) और घड़ियाल को भी ‘स्पीशीज़ रिकवरी प्रोग्राम’ में शामिल करने की सिफारिश की।

मानव-हाथी संघर्ष और क्षेत्रीय योजना

बैठक में दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में बढ़ते मानव-हाथी संघर्ष को नियंत्रित करने हेतु क्षेत्रीय कार्य योजनाओं पर भी चर्चा हुई। मंत्री ने रेलवे, विद्युत मंत्रालय, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और खनन कंपनियों के साथ समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया ताकि हाथियों के निवास स्थलों को संरक्षित किया जा सके।

निष्कर्ष

‘प्रोजेक्ट एलीफेंट’ की संचालन समिति की यह बैठक हाथियों के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार की गंभीरता को दर्शाती है। आधुनिक तकनीकों, समन्वित निगरानी और अंतर-मंत्रालयी सहयोग के माध्यम से हाथी मृत्यु दर में कमी लाने और मानव-वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि यह प्रयास जमीन पर प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किए जाएं, तो भारत हाथी संरक्षण के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम कर सकता है।

Originally written on June 27, 2025 and last modified on June 27, 2025.

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