हनीमाडू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: भारत-मालदीव सहयोग का नया प्रतीक
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने 9 नवंबर 2025 को हनीमाडू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया, जो भारत की लाइन ऑफ क्रेडिट सहायता के तहत निर्मित एक महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचा परियोजना है। इसे “समृद्धि का प्रवेशद्वार” कहा जा रहा है, जो उत्तरी मालदीव में पर्यटन, व्यापार और क्षेत्रीय संपर्क को नया आयाम देगा।
आर्थिक रूपांतरण का प्रतीक
राष्ट्रपति मुइज्जू ने इस हवाई अड्डे को केवल एक परिवहन सुविधा नहीं, बल्कि “आर्थिक परिवर्तन का प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा कि नया अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल उत्तर अटलांटिक द्वीप समूह में पर्यटन, कृषि, मत्स्य पालन और सामाजिक विकास को गति देगा। यह परियोजना राष्ट्रीय विकास को विकेंद्रीकृत करने और संतुलित आर्थिक अवसर प्रदान करने की रणनीति का हिस्सा है।
परियोजना में भारत की भूमिका
इस हवाई अड्डे का निर्माण भारत के EXIM बैंक द्वारा 2019 में प्रदान की गई 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट के अंतर्गत किया गया। भारत की जेएमसी प्रोजेक्ट्स कंपनी ने इसे 136.6 मिलियन डॉलर की लागत से तैयार किया। यह परियोजना भारत की “पड़ोस प्रथम” नीति और “महासागर” दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग और संपर्क को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। भारत के उच्चायोग ने इसे “प्रगति और समृद्धि का वास्तविक माध्यम” बताया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- उद्घाटन तिथि: 9 नवंबर 2025, उद्घाटनकर्ता: राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू
- वित्तपोषण: भारत की 800 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट (EXIM बैंक)
- निर्माण लागत: 136.6 मिलियन डॉलर, निर्माता: जेएमसी प्रोजेक्ट्स (भारत)
- अवसर: भारत-मालदीव राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के साथ उद्घाटन
द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा
इस उद्घाटन समारोह में भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू भी उपस्थित रहे। समारोह के दौरान उन्होंने मालदीव के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्ला खलील से भेंट की और संपर्क, व्यापार और अवसंरचना क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। दोनों देशों ने साझा प्रगति और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
उत्तर मालदीव के विकास की आधारशिला
हनीमाडू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तर मालदीव में पर्यटकों की आमद को बढ़ाएगा और स्थानीय उद्योगों को निर्यात के नए अवसर प्रदान करेगा। आधुनिक रनवे और अत्याधुनिक टर्मिनल सुविधाओं के साथ यह हवाई अड्डा क्षेत्रीय संपर्क का केंद्र बनेगा। यह न केवल आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत-मालदीव साझेदारी को सतत विकास और क्षेत्रीय एकीकरण की ओर और मजबूत करेगा।